पूर्व मुख्य मंत्री वीर भद्र सिंह ने अर्की के कुनिहार में यह एलान किया है कि वह आने वाले विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे | उन्होंने यह भी कहा है कि वह आज कांग्रेस के हाल पर दुखी है क्योंकि इस में कुछ नेता ऐसे है जो अपने आप को कांग्रेसी कहलाना तो पसंद करते है लेकिन वास्तव में वह कांग्रेस की पीठ में छूरा घोंपने का काम कर रहे है | इस लिए नए लोगों को कांग्रेस में जोड़ने की आवश्यकता है | उन्होंने यह भी कहा कि वह कांग्रेसी हैं और मरते दम तक कांग्रेसी रहेंगे लेकिन अब भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे | जिस से साबित होता है कि वीरभद्र सिंह ने चुनावी राजनीति से सन्यास ले लिया है और एलान किया है कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे | उनकी इस घोषणा से कांग्रेस में खलबली मच गई है | इस घोषणा से यह बात दिलचस्प हो गई है कि आने वाले समय में कांग्रेस की कमान कौन सम्भालेगा |
वीरभद्र सिंह छे बार मुख्यमंत्री रह चुके है | अब उनके द्वारा एलान करना कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे इस ब्यान से स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में खलबली मचेगी और अब वरिष्ठ नेता अपने आप को मुख्यमंत्री की दौड़ में एक बार फिर से शामिल करेंगे | अब देखना होगा जो कांग्रेस वीरभद्र सिंह के राज में मजबूत हुई उसे केवल वीरभद्र सिंह ने ही अपनी मेहनत सी सींचा और हिमाचल में स्थापित किया | जिनकी अपने नेताओं पर आज तक अच्छी पकड़ है और सभी नेता उनकी बात को पत्थर की लकीर मानते है | लेकिन अब कांग्रेस में ऐसा कौन सा नेता होगा जो ऐसा कर पाएगा यह देखने वाली बात होगी | वीरभद्र सिंह के इस ब्यान से कांग्रेस हिमाचल में मजबूत होगी यह फिर कमज़ोर पड़ेगी यह भी देखना दिलचस्प होगा |