नालागढ़ में पत्रकारों से बातचीत में हमारी पार्टी हिमाचल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजन सुशांत ने दिल्ली में पिछले 35 दिनों से जो किसान आंदोलन चला हुआ है।जिसमे किसान तीन काले कृषि बिलों को निरस्त करने की मांग कर रहे है लेकिन केन्द्र सरकार किसानों की कोई बात सुन नहीं रही है। किसानों व बागवानों को उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।
डा. राजन सुशांत ने कहा कि पूरे देश में दस करोड़ बेरोजगार है तथा हिमाचल में दस लाख युवा बेरोजगार है। तीन लाख करोना के चलते अपने काम छोड़ चुके है। प्रदेश सरकार भी युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है।जिसे प्रदेश के मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया है कि उनके अफसर उनकी बात नहीं सुन रहे है। इससे स्पष्ट होता हे के सरकार पर अफसरशाही पूरी तरह से हावी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राष्ट्र की सीमाओं के साथ भी भेदभाव करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार 30 साल से कम नौकरी करने वाले सैनिकों की पेंशन काटने की फिराक में है। सभी राज्यों को इस तरह का प्रस्ताव भेजा गया है। सरकार ने 2003 के बाद पेंशन बंद कर दी है। जबकि सांसद व विधायको को पेंशन दी जा रही है।
उनका कहना है कि हिमाचल सरकार परदेेश के एक लाख लोगों को पेंशन देने में नाकाम है। बी.बी.एन. में जो उद्योग लगे है उसमें 70 फीसदी हिमाचलियों को रोजगार देने का नियम सरकार सुनिश्चित करें तथा इन सभी उद्योगों को कच्चा माल सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाएं। उन्होंने पूर्व सांसद शांता कुमार की पत्नी के आकस्मिक निधन पर दुख जताया।