चार महीने पहले शादी, प्रेग्नेंसी और परीक्षा… पति की शहादत से जिंदगी में तूफान, अब यूनिवर्सिटी ने पेश की मिसाल

Special Exam Permission To Martyr Wife: उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय ने शहीद की पत्नी को छूटे हुए पेपर की परीक्षा देने के लिए विशेष अनुमति दी है। परीक्षा के दौरान ही दिशा शर्मा के पति शहीद हो गए थे। उस वक्त शादी के चार महीने हुए थे।

disha and arun sharma wedding picture
disha and arun sharma wedding picture- दिशा और अरुण शर्मा की शादी की तस्वीर

उज्जैन: आतंकियों से लड़ते हुए शहीद जवान की पत्नी को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय (vikaram university ujjain) ने तीन परीक्षाओं में बैठने की विशेष अनुमति दी है। 24 साल के लांस नायक अरुण शर्मा की शादी दिशा शर्मा से हुई थी। शादी के चार महीने बाद ही 16 अप्रैल को कुपवाड़ा में आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ में वह शहीद हो गए थे। इसकी वजह से उनकी पत्नी दिशा शर्मा ग्रैजुएशन की परीक्षा देने से चूक गई। स्थिति समान्य होने के बाद शहीद की विधवा ने बचे हुए पेपर के लिए विश्वविद्यालय से विशेष अनुमति मांगी थी, जिसे विक्रम विश्वविद्यालय ने मंजूर कर लिया है।

विक्रम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रशांत पुराणिक ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि वह यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त एक निजी कॉलेज से बीए कर रही थी। वह तीन पेपर देने में चूक गई थी और विशेष अनुमति के लिए विश्वविद्यालय से संपर्क की थी। उन्होंने कहा कि ऐसी अनुमति सिर्फ खिलाड़ियों, एनसीसी कैडेटों और कलाकारों को दी जाती है।

इसके साथ ही रजिस्ट्रार ने कहा कि जब वह विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मिली तो वह गर्भवती थी। मामले के बारे में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय को जानकारी दी गई। इसके बाद दिशा के आवेदन को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के समक्ष रखा गया और 14 सितंबर को मंजूरी दे दी गई। दिसंबर महीने में दीक्षा शर्मा फिर से परीक्षा देंगी।

वहीं, विक्रम विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी शहीद की पत्नी को विशेष परीक्षा की अनुमति दी गई है। दिशा शर्मा की शादी एक दिसंबर 2021 को हुई थी। 16 अप्रैल 2022 को पति आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पति जब शहीद हुए, तब दीक्षा शहर के एक कॉलेज में सेकंड ईयर की परीक्षा दे रही थीं। इसके बाद वह पॉलिटिक्ल साइंस के दो और कंप्यूटर साइंस का एक पेपर नहीं दे पाईं।
पहले यूनिवर्सिटी ने कर दिया था मना

पहली बार शहीद की पत्नी ने जब यूनिवर्सिटी से संपर्क किया तो उनलोगों ने विशेष अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद दिशा ने हार नहीं मानी। वह गर्भवती है और आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए फिर यूनिवर्सिटी के बड़े अधिकारियों से मिली। बाद में इसकी बातों पर विचार किया गया। विक्रम यूनिवर्सिटी ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। साथ ही 31 अक्टूबर को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गई है।