रावण से लेकर दुर्योधन तक, भारत के पांच ऐसे मंदिर जहां पौराणिक कथाओं के ‘विलेन’ की होती है पूजा

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हमारे पौराणिक कथाओं में एक से एक शूरवीर, बलवान, दयालु, योद्धाओं का वर्णन है. हम सभी ये कहानियां दादी-नानी से सुनते हुए ही बड़े हुए हैं. ये कथाएं हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं और कुछ लोगों की आस्था की नींव. सकारात्मक शक्तियों का उदाहरण आज भी दिया जाता है. कोई भी ये नहीं कहता कि दुर्योधन या कंस की तरह बनो, सभी अर्जुन और कृष्ण का ही उदाहरण देते हैं.

बड़े-बुज़ुर्ग उनके दिखाए पथ पर चलने की सीख देते हैं, उनका अनुकरण करने की सलाह देते हैं. कलयुग में में इन सूरमाओं के मंदिर हैं, जहां विश्वास का दीपक जलाकर लोग अपनी आस्था का परिचय देते हैं. कुछ लोगों को इन किरदारों के अस्तित्व पर संदेह होता है, लेकिन उनकी विचारधारा, किताबों में वर्णित उनके वचन से जीवन जीने का सलीका सीखा जा सकता है.

अब आपने राम, कृष्ण जैसे पौराणिक कथाओं के नायकों के मंदिर तो देखे होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि विविधताओं के देश, भारत में खलनायकों को भी इज़्ज़त दी जाती है. ग़ौरतलब है कि दुर्योधन, रावण नाम का कोई आपको अपने आस-पास नहीं दिखेगा. भले ही लोग इनका नाम लेने से भी कतराते हों लेकिन इन खलनायकों को भी हमारे यहां इज़्ज़त दी गई है. तो चलिए कुछ ऐसे ही अनोखे मंदिरों में घूम आते हैं:

1. दुर्योधन का मंदिर- उत्तराखंड और केरल

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महाकाव्य महाभारत का किरदार दुर्योधन. चाहे उसके बारे में कहानियों में पढ़ा जाए, किस्सों में सुना जाए या पर्दे पर देखा जाए. उसे एक विलेन ही कहा जाता है. फिर वो बचपन से अपने चचेरे भाइयों से ईष्या करना हो या बड़े होकर अपनी भाभी द्रौपदी के चीर हरण की आज्ञा देना हो. दुर्योधन ने अपने जीवनकाल में मर्यादा की कई सीमाएं तोड़ी. उत्तराखंड के जाखोली में दुर्योधन का मंदिर था.

The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार अब इस मंदिर को शिव मंदिर में बदल दिया गया है और लोग दुर्योधन के बारे में बात नहीं करना चाहते. गांववालों को लगा कि दुर्योधन के मंदिर की वजह से गांव का नाम बदनाम हो रहा है और उन्होंने उसकी पूजा न करने का निर्णय लिया. मंदिर में एक कुल्हाड़ी रखी है जिसके बारे में कहा जाता है कि वो कौरव राजकुमार की थी.

केरल के कोल्लम में भी दुर्योधन का मंदिर स्थित है. यहां दुर्योधन को सुपारी, मुर्गा, लाल कपड़ा और शराब अर्पित की जाती है.

2. कर्ण का मंदिर (उत्तराखंड)

Karna Temple, Uttarakhand Flickr

महाभारत का ही दूसरा किरदार, दुर्योधन का दोस्त दानवीर कर्ण, जिसने अपने शरीर का हिस्सा ही उखाड़ कर दान में दे दिया था. कर्ण शायद पौराणिक कथाओं के सबसे पेचीदा किरदारों में से एक है. कर्ण के बारे मे पढ़ने-सुनने पर उससे हमदर्दी होती है, गुस्सा आता है और कई बार मन में प्रश्न भी आता है कि आखिर क्यों उसने अधर्म का साथ दिया. जब भी मित्रता की बात होती है तो कर्ण की उक्ति दी जाती है.

उत्तराखंड के नेटवर में स्थित है कर्ण का मंदिर. क्योंकि कर्ण कौरवों के साथ जा मिले थे इसलिए उन्हें भी खलनायक ही माना जाता है. नेटवर गांव के लोग भी दान-धर्म में विश्वास रखते हैं. यहां दहेज पर भी पाबंदी लगी हुई है. इस गांव में पशुओं की बलि पर भी रोक है.

उत्तराखंड के कर्ण प्रयाग में भी कर्ण का मंदिर

Karna Temple Garhwali Traveller

इंटरनेट के समंदर को छानते हुए पता चलता है कि भारत में महारथी कर्ण के कई मंदिर है. Garhwali Traveller के एक लेख के अनुसार, उत्तराखंड स्थित कर्ण प्रयाग में श्री कृष्ण ने कर्ण का अंतिम संस्कार किया था. कुछ मान्यताएं ये भी कहती हैं कि यहां कर्ण ने तपस्या की थी.

3. दशानन मंदिर (UP, MP और आंध्र प्रदेश)

ravan temple, uttar pradesh Navbharat Times

रामायण का खलनायक रावण या दशानन. हर साल विजयदशमी के दिन रावण का पुतला फूंका जाता है और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है. India TV News के लेख के अनुसार, भारत में रावण के कुल पांच मंदिर हैं. उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित दशानन मंदिर को 125 साल पुराना बताया जाता है. विजयदशमी पर जब पूरा देश रावण के पुतले फूंकता है, यहां रावण की पूजा होती है. रावण बहुत बड़ा विद्वान था और इसी वजह से यहां उसकी पूजा होती है.

उत्तर प्रदेश के बिसरख में रावण का मंदिर है

ravana temple, bisrakhWorldorgs.com

नवरात्रि के नौ दिन यहां शोक का माहौल रहता है. Hindustan Times की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016 में इस गांव में रावण की मूर्ति को कुछ असमाजिक तत्वों ने नुकसान पहुंचाया था. आंध्र प्रदेश के काकिनादा में रावण का मशहूर मंदिर है. रावण शिवभक्त था और उसने यहां विशाल शिव मंदिर बनाने का निश्चय किया था.

ravana temple, andhra pradesh Tumblr

मध्य प्रदेश के विदिशा स्थित रावणग्राम में भी रावण की पूजा होती है. मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी विदिशा से थीं. यहां दशानन की 10 फ़ुट लंबी मूर्ति है.

ravana temple, madhya pradesh Patrika

मध्य प्रदेश के मंदसौर में ही रावण का दूसरा मंदिर है. मान्यता है कि यहां रावण और मंदोदरी का विवाह हुआ था.

ravana temple, madhya pradesh Patrika

4. शकुनी मंदिर (केरल)

Shakuni Temple, KeralaScroll

महाभारत का वो किरदार जिससे शायद सभी घृणा ही करते हैं. कौरवों की मां, गांधारी के भाई और गांधार नरेश शकुनी प्रपंच, षड्यंत्र रचने में माहिर था. भारत में शकुनी का भी मंदिर है. केरल के मायमकोट्टू मालनचारुवू मालनद मंदिर (Mayamkottu Malancharuvu Malanada Temple) मान्यता है कि इस स्थान पर शकुनी ने महादेव को प्रसन्न किया था और मोक्ष प्राप्त किया था. मंदिर में एक ग्रैनाइट का टुकड़ा है, कहा जाता है कि इसी पर बैठकर शकुनी ने तपस्या की थी. यहां के कुछ समुदाय खुद को कौरवों का वंशज भी मानते हैं और शकुनी की पूजा करते हैं.

5. पूतना मंदिर (पश्चिम बंगाल)

Pootna Temple, West Bengal News Trend

श्रीकृष्ण की कथा अगर याद हो तो पूतना नामक राक्षसी याद ही होगी. पूतना ने बाल गोपाल को मारने की कोशिश की थी. उसने अपने वक्ष पर ज़हर लगाकर कृष्ण को दूध पिलाने की कोशिश की लेकिन कृृष्ण ने उसका वध कर दिया. Global Talks के एक लेख के अनुसार, हुगली, पश्चिम बंगाल स्थित चंदन नगर में एक मंदिर ऐसा है जहां जन्माष्टमी के दिन पूतना की भी पूजा होती है.

यहां के राधागोविंद मंदिर में राधा कृष्ण, जगन्नाथ, सुभद्रा, बलराम के साथ ही पूतना की भी मूर्ति है. पूतना की गोद में श्रीकृष्ण हैं. अधिकारी परिवार के घर स्थित इस अनोखे मंदिर के बारे में कहा जाता है कि उनके पूर्वज को सपने में पूतना दिखी थी जिसके बाद ये पूजा शुरु हुई. दैनिक भास्कर के एक लेख के अनुसार, उत्तर प्रदेश के गोकुल में भी पूतना का मंदिर है.