चाय, भारत में सबसे ज्यादा पसंदीदा पेय में से एक है। इसका सेवन कितना फायदेमंद है या फिर क्या इससे नुकसान हो सकता है, इसको लेकर हुए अध्ययन में विशेषज्ञों के अलग-अलग मत हैं। सामान्यतौर पर शरीर में ऊर्जा के संचार और सुस्ती को दूर करने के लिए चाय का सेवन किया जाता रहा है, पर क्या आप जानते हैं कि कुछ प्रकार के चाय न सिर्फ स्वाद के मामले में बल्कि सेहत के लिहाज से भी आपके लिए विशेष फायदेमंद हो सकते हैं। सी-बकथॉर्न की पत्तियों से तैयार चाय को इसी तरह से बेहद फायदेमंद पेय के तौर पर जाना जाता है।
सी-बकथॉर्न एक प्रकार जड़ी बूटी है। अनेक प्रकार के दवाओं को तैयार करने के लिए इसकी पत्तियों, फूलों और फलों को प्रयोग में लाया जाता रहा है। इसकी पत्तियों से बनी चाय को भी विशेषज्ञ काफी फायदेमंद मानते हैं। सी-बकथॉर्न को लेकर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि यह कई प्रकार की क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं में आपके लिए विशेष लाभप्रद हो सकता है। आइए इससे होने वाले फायदों के बारे में जानिए।
वजन कम करने के लिए करें इसका सेवन अध्ययन से प्राप्त जानकारियों के आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि सी-बकथॉर्न की पत्तियों से तैयार की गई यह चाय वजन कम करने की कोशिश में लगे लोगों के लिए काफी कारगर हो सकती है। शरीर से अतिरिक्त फैट को कम करने से लेकर आंत में वसा के संचय को रोकने तक के लिए इसका सेवन किया जा सकता है। चूहों पर किए गए शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि सी-बकथॉर्न के अर्क ने एक महीने के भीतर ही चूहों में आंत की चर्बी को काफी कम कर दिया। इंसानों में भी इसके सेवन के कई तरह के स्वास्थ्य लाभ के बारे में पता चलता है।
एक्जिमा की समस्या में लाभकारी
शोध में पाया गया कि सी-बकथॉर्न टी का सेवन करने वाले लोगों में एक्जिमा की समस्या के विकसित होन का खतरा कम होता है। जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल बायोकैमिस्ट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने उन लोगों में एक्जिमा के लक्षणों में महत्वपूर्ण सुधार देखा, जिन्होंने चार महीने तक हर दिन सी बकथॉर्न टी का सेवन किया। सी-बकथॉर्न का सप्लीमेंट भी सेहत के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो सकता है। शोधकर्ता बताते हैं कि त्वचा संबंधी कई तरह की सामान्य समस्याओं से बचाव के लिए इसका सेवन अच्छा विकल्प हो सकता है।
गठिया की दिक्कत में लाभ सी-बकथॉर्न की पत्तियों में मौजूद यौगिकों में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी पाए जाते हैं जो गठिया जैसी सूजन की समस्या को कम करने में मदद कर सकती है। भारत में किए गए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि यह चूहों में गठिया के इलाज के लिए काफी कारगर हो सकती है। रूमेटोइड आर्थराइटिस जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करने के लिए भी इस चाय के सेवन को वैज्ञानिकों ने काफी प्रभावी पाया है। शरीर से इंफ्लामेशन को कम करने में इसकी पत्तियों के अर्क और चाय को फायदेमंद पाया गया है।
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