स्पा सैलून से लेकर स्टडी रूम तक, ऐशो-आराम की हर व्यवस्था से लैस है गंगा विलास, पहुंचा काशी

उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर दुनिया के रिवर क्रूज के नक्शे पर आ गया है। 32 स्विस मेहमानों को लेकर रिवर शिप गंगा विलास सोमवार को वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया है। कोहरे और सर्दी की वजह से गंगा विलास के काशी पहुंचने में थोड़ी देर हुई है।

ganga vilas reaches varanasi for world longest river cruise journey see photos
स्पा सैलून से लेकर स्टडी रूम तक, ऐशो-आराम की हर व्यवस्था से लैस है गंगा विलास, पहुंचा काशी

ख्‍वाबों को हकीकत में बदलने वाली दुनिया की सबसे लंबी क्रूज यात्रा शुरू हो गई है। इसी के साथ वाराणसी दुनिया के रिवर क्रूज नक्‍शे पर आ गया है। पहली ट्रिप में कोलकाता से 32 स्विस मेहमानों को लेकर चला भारत में बना आलीशान रिवर शिप ‘गंगा विलास’ सोमवार को वाराणसी की सीमा में प्रवेश कर गया है। घने कोहरे के चलते तीन दिन देर से पहुंचे क्रूज ने नमो घाट के पास लंगर डाल दिया है।

​योगी ने किया था टाइम टेबल का विमोचन

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की सबसे लंबी रिवर यात्रा के टाइम टेबल का विमोचन वाराणसी में बीते 11 नवम्‍बर को किया था। इसके बाद क्रूज गंगा विलास कोलकाता से स्विस नागरिकों को लेकर वाराणसी के लिए चल दिया था। वाराणसी में एक हफ्ते के प्रवास के दौरान मेहमान धार्मिक और आध्‍यात्मिक स्‍थलों का भ्रमण करेंगे और यहां की संस्‍कृति को जानेंगे।

​डिब्रूगढ़ रवाना होगा क्रूज

स्विस मेहमान वाराणसी के स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों के स्‍वाद भी चखेंगे। इसके साथ ही ‘चंद्रकांता’ का तिलस्‍मी चुनार किला भी देखने जाएंगे। 13 जनवरी को क्रूज मेहमानों को लेकर डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा। इस मौके पर होने वाले समारोह में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ शामिल हो सकते हैं।

​सबसे लंबी रिवर शिप यात्रा

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्‍ल्‍यूएआई) के मुख्‍य अभियंता रविकांत ने बताया कि वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक यात्रा एक रिवर शिप द्वारा की जाने दुनिया की सबसे लंबी यात्रा है। इस परियोजना से भारतीय उपमहाद्वीप में पर्यटन का नया क्षितिज तो खुलेगा ही, भारत की नदियों में रिवर क्रूजिंग के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। यह जलयान सुंदरबन डेल्‍टा और काजीरंगा नेशनल पार्क जैसे राष्‍ट्रीय उद्यानों व अभ्‍यारण्‍यों से भी होकर गुजरेगा। सभी तरह की आधुनिक सुविधाओं वाला क्रूज पूरी तरह से सुरक्षित है।

​जीआई उत्‍पाद से रूबरू होंगे मेहमान

गंगा विलास क्रूज के मालिक राज सिंह ने बताया कि वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा में मेहमानों को उत्तर प्रदेश के ओडीओपी व जीआई उत्‍पादों से परिचित कराया जाएगा। क्रूज के 18 सुइट्स समेत अन्‍य स्‍थानों पर लकड़ी के खिलौने, गुलाबी मीनाकारी, गाजीपुर का वॉल हैंगिंग समेत अन्‍य उतपादों को डेकोरेशन के तौर पर लगाया जाएगा। साथ ही जिस जनपद में क्रूज रुकेगा वहां के ओडीओपी व जीआई उत्‍पादों को दिखाया जाएगा। इससे देश के हस्‍तशिल्पियों के हुनर को नया बजार मिलेगा।

​ऐसा है क्रूज गंगा विलास

गंगा विलास रिवर शिप की लंबाई 62.5 मीटर, चौड़ाई 12.8 मीटर और ड्राफ्ट 1.3 मीटर है। आधुनिक सुविधाओं से युक्‍त दो फ्लोर वाले क्रूज में 18 सुइट्स हैं। ओपन स्‍पेस बालकनी, किचन- शानदार डाइनिंग रूम और स्‍टडी रूम भी इसमें हैं। गीत-संगीत, लाइब्रेरी, और सांस्‍कृतिक कार्यक्रम की व्‍यवस्‍था भी शिप में है। इसके अलावा एसी इंटरटेनमेंट रूम, स्‍पा सुविधा युक्‍त सैलून और दुकानें भी हैं।

​27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा

27-

गंगा विलास में सैलानियों को उनकी पसंद का ब्रेक फ्रास्‍ट, लंच और डिनर दिया जाएगा। इसके जरिए विदेशी मेहमान 3200 किलोमीटर का सफर 52 दिन में पूरा करेंगे। भारत और बांग्‍लादेश के 27 रिवर सिस्‍टम से यह क्रूज गुजरेगा।