भारत सरकार ने मंगलवार को सेना में बहाली के लिए ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से ही लोगों में रोष दिख रहा है। देश के कई राज्यों में मोदी सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। इसका सबसे अधिक असर बिहार और उत्तर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इस योजना की बहाली के बाद से प्रदर्शन आज भी जारी है। विरोध प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने इसे तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे है। फिलहाल सरकार की तरफ से इसको लेकर तैयार नहीं दिख रही है।
हालांकि, कल एक संसोधन जरूर किया गया। इस साल के लिए अधिकतम उम्र की सीमा को 21 साल से बढ़ाकर 23 साल कर दिया गया। आपको बता दें कि मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से ही कई राजनीतिक दलों ने भी इस योजना को वापस लेने की मांग की है।
सरकार के इस फैसले के बाद से ही हरियाणा में हालात गंभीर और गुरुग्राम में धारा 144 लागू कर दी गई है। अग्निपथ योजना पर जारी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ हरियाणा में प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है। इस दौरान चार से ज्यादा लोगों के जुटने पर पाबंदी रहेगी।
अग्निपथ योजना का क्या है उद्देश्य?
1) सशस्त्र बलों की युवा छवि को बढ़ाना ताकि वे जोखिम लेने की बेहतर क्षमता के साथ हर समय अपने सर्वश्रेष्ठ युद्ध कौशल से लैस हों।
2) देश के तकनीकी संस्थानों का लाभ उठाते हुए उन्नत तकनीकी सीमाओं से लैस उभरती हुई आधुनिक तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने, उन्हें अपनाने और उनका उपयोग करने हेतु समाज से युवा प्रतिभाओं को आकर्षित करना। 3) थोड़े समय के लिए वर्दी में राष्ट्र की सेवा करने के इच्छुक युवाओं को अवसर प्रदान करना।
4) युवाओं में सशस्त्र बलों के जोश, साहस, सौहार्द, प्रतिबद्धता और समूह की भावना को आत्मसात करना।
5) युवाओं को अनुशासन, जोश, प्रेरणा और कार्य-कुशलता जैसी योग्यताओं एवं गुणों से लैस करना ताकि वे हमारे लिए एक संपदा साबित हों।