हिमाचल सरकार का जी 20 सम्मेलन के माध्यम से हिमाचली उत्पादों की वैश्विक ब्रांडिंग का प्रयास सफल होता नजर आ रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से आयोजन स्थल पर लगाई गई हिमाचली उत्पादों की प्रदर्शनी में विदेशी मेहमानों ने खूब रुचि ली। डेलीगेट्स और उनके साथ परिजनों ने प्रदर्शनी व बिक्री काउंटरों पर न सिर्फ इन उत्पादों के बारे में जानकारी ली, बल्कि जमकर खरीदारी भी की।
बता दें, आयोजन स्थल पर हथकरघा-हस्तकला से जुड़े उत्पाद रखे गए थे। इसके अलावा आईएचबीटी पालमपुर और कृषि विश्वविद्यालय द्वारा साइंस-प्रौद्योगिकी के नवाचार से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई थी।
आयोजन स्थल पर लगाए गए थे 5 स्टॉल
डीआरडीए कांगड़ा की ओर से लगाए गए स्टॉल में मिशन धन्वंतरि के अंतर्गत तैयार हर्बल उत्पाद रखे गए थे। उनमें प्रमुखता से तुलसी और कैमोमाइल आधारित प्रोडक्ट्स थे। वहीं इसी स्टॉल में स्थानीय एनजीओ द्वारा तैयार गिलोय उत्पाद और कुल्लवी हस्तकला के ऊनी वस्त्र रखे गए थे। डीआरडीए द्वारा लगाए अपना कांगड़ा स्टॉल में आचार, चटनी और पहाड़ी चुख को भी बिक्री के लिए रखा गया था।
वहीं हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के स्टॉल में हिमाचली हस्तशिल्प और हथकरघा को प्रदर्शित करते उत्पादों ने डेलिगेट्स का ध्यान आकर्षित किया। यहां पर चंबा थाल, चंबा रूमाल, चम्बा चप्पल के साथ साथ विभिन्न हिमाचली परिधानों को जी20 डेलीगेट्स ने बेहद पसंद किया। विदेशी मेहमानों ने हिमाचली हस्तशिल्प और परंपरागत हस्तकला से सुसज्जित इन परिधानों को पहन कर तस्वीरें भी लीं। वहीं स्टॉल में प्रदर्शित कांगड़ा पेंटिंग्स देख कर डेलीगेट्स ने हिमाचली कला की भूरि भूरि प्रशंसा की।
आयोजन स्थल पर टी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा भी अपना स्टॉल स्थापित किया गया है। यहां पर कांगड़ा टी के साथ-साथ विभिन्न जायकों की चाय बिक्री के लिए रखी गई है, जिन्हें विदेशी मेहमान खूब पसंद कर रहे हैं।
हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सीएसआईआर द्वारा यहां स्टॉल स्थापित किया गया है। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने ‘श्री अन्न’ (मोटे अनाज) का स्टॉल होटल रेडिसन ब्लू में लगाया है। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अभिनव तरीकों से तैयार किए गए विभिन्न पौष्टिक पशु आहार को भी वहां प्रदर्शित किया गया है।