‘विदेशियों का ख्याल लेकिन भारतीयों की जिंदगी से खिलवाड़’ कार कंपनियों पर भड़के गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कार कंपनियों को सुरक्षा मानकों का ख्याल रखने के लिए कहा है। उन्होंने कार कंपनियों को नसीहत देते हुए कहा कि वे दोहरा मापदंड न अपनाएं।

नितिन गडकरी(फाइल)

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari) ने सोमवार को दोहरे मापदंड अपनाने के लिए कार कंपनियों की क्लास लगा दी। उन्होंने कहा कि हर इंसान की जिंदगी की वैल्यू है लेकिन बहुत सारी कार कंपनियां विदेश में तो सुरक्षा मानकों का ख्याल रखती हैं लेकिन भारत में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती हैं।  गडकरी ने कहा कि हमने कारों में छह एयरबैग को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है, यहां तक कि इकोनॉमिक मॉडल में भी। लेकिन अब कुछ कंपनियां भारत में ऐसी कारें बना रही हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं हैं। लेकिन वे उसी मॉडल को विदेशी बाजारों के लिए मानकों के अनुरूप बना रही हैं। मुझे यह कभी समझ नहीं आता। 

कार कंपनियां सरकारी प्रस्ताव का विरोध कर रही हैं
गडकरी की टिप्पणी वाहन निर्माताओं के कुछ वर्गों की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में आई है, जो सभी कारों में छह एयरबैग अनिवार्य बनाने के सरकार के प्रस्ताव और भारत की कार सुरक्षा रेटिंग तंत्र, भारत एनसीएपी को पेश करने के निर्णय की आलोचना कर रहे हैं। हालांकि, सड़क परिवहन मंत्रालय अभी तक अंतिम अधिसूचना के साथ सामने नहीं आया है।
भारत में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं फिर कंपनियां क्यों नहीं समझ रहीं
गडकरी ने कहा कि जब भारत में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तो कार कंपनियां इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रही हैं? मंत्री ने दिल्ली में एक प्रमुख आईटी कंपनी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में छह एयरबैग के प्रस्ताव का लगातार विरोध कर रही हैं, जो केवल लोगों की जान बचाने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं।

छह एयरबैग लगाने से 2020 में 13000 लोगों की बची थी जान
छह एयरबैग के प्रस्ताव की घोषणा करते हुए, गडकरी ने मार्च में संसद को यह भी बताया था कि छह कार्यात्मक एयरबैग की तैनाती से 2020 में 13,000 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। मंत्री ने कहा कि जब ऑटोमोबाइल उद्योग में वृद्धि होती है और वाहनों की संख्या में वृद्धि होती है, तो सुरक्षा का ख्याल रखना भी हमारी जिम्मेदारी है। भारत के पास दुनिया भर में बमुश्किल 1% वाहन हैं, लेकिन दुनिया में सड़क पर होने वाली मौतों के 10% का एक बड़ा अंतर है।