हिमाचल प्रदेश का बिलासपुर जिला सबसे गरम जिलों में शुमार है। यहां के बागवान मुख्यतः आम, लीची, अमरूद, अनार, पलम सहित नींबू प्रजाति के फल जैसे मौसमी व संतरा की पैदावार करते हैं। मगर मौसम की बेरुखी के साथ ही तूफान व बेमौसम बरसात के चलते इन फलों की पैदावार में गिरावट देखने को मिलती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है, जिससे बिलासपुर का बागवान परेशान नजर आ रहा है।
उद्यान विभाग बिलासपुर की उप निदेशक डॉक्टर माला शर्मा का कहना है कि जिला में करीब 8600 हेक्टेयर जमीन पर बागवानी की जाती है। वर्ष 2022-23 में 4600 मीट्रिक टन फलों का उत्पादन हुआ है। मगर मौसम के बदले मिजाज़ ने बागवानी क्षेत्र को काफी प्रभावित किया है। इस बार जिला के बागवानों का 01 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान आंका गया है।
डॉक्टर माला ने कहा कि बागवानों को हुए नुकसान के संबंध में उद्यान विभाग हिमाचल प्रदेश के निदेशक को रिपोर्ट भेजी जाएगी। आने वाले समय में आपदा प्रबंधन के तहत एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के तहत मिलने वाले फंड के जरिए प्रभावित बागवानों को सहायता दी जाएगी।
वहीं जिला के प्रभावित बागवानों ने भी प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस बार मौसमी आपदा के चलते जो उन्हें नुकसान हुआ इसको लेकर जल्द ही मुआवजा दिया जाए, ताकि इस परेशानी के समय उन्हें कुछ राहत मिल सके।