यूपीएससी एग्जाम क्लियर कर के आईएएस/आईपीएस बनना देश के करोड़ों युवाओं का सपना होता है लेकिन ये सफलता चंद अभ्यर्थियों को ही नसीब होती है. इन्हीं में कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिन्हें एक बार नहीं बल्कि बार बार सफलता मिली है. ऐसी ही एक मिसाल हैं 2019 बैच की आईएएस अफसर गरिमा अग्रवाल.
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लोग जहां एक बार यूपीएससी क्लियर करने के लिए तरस जाते हैं वहीं गरिमा पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बनी और दूसरे प्रयास में अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया. मध्यप्रदेश के खरगोन से संबंध रखने वाली गरिमा अग्रवाल शुरू से ही एक ब्राइट स्टूडेंट रही हैं. अपनी शुरुआती पढ़ाई खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से करते हुए उन्होंने 10वीं में 92% और फिर 12वीं में भी वह 89% अंक प्राप्त किए थे.
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12वीं के बाद गरिमा अग्रवाल ने जेईई एग्जाम दिया और उसमें सफल हो कर उन्होंने आईआईटी हैदराबाद में एडमिशन प्राप्त कर ली. इंजीनियरिंग पूरी करने के तुरंत बाद गरिमा को जर्मनी में इंटर्नशिप मिल गई. वह इंटर्नशिप के बाद विदेश में शानदार नौकरी कर सकती थीं लेकिन उन्हें विदेश की ऐश ओ आराम की ज़िंदगी से ज़्यादा इंट्रस्ट अपने देश लौट कर प्रशासनिक अधिकारी बनने में था.
जर्मनी से वापस लौटते ही गरिमा ने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने करीब डेढ़ साल तक खूब मेहनत की और फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया. पहले ही प्रयास में उनकी मेहनत रंग लाई और 2017 में उन्होंने ने यूपीएससी सीएसई परीक्षा में ऑल इंडिया 240वीं रैंक प्राप्त कर ली. इसके बाद वह एक आईपीएस के रूप में चुनी गईं.
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IPS जैसा प्रतिष्ठित पद पाने के बावजूद भी गरिमा संतुष्ट नहीं थीं क्योंकि उन्होंने हमेशा से आईएएस बनने का सपना देखा था. गरिमा ने अपने मन की सुनी और फिर से यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी. उनकी ट्रेनिंग हैदराबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल पुलिस अकादमी में हो रही थी. वह अपनी ट्रेनिंग के साथ साथ एग्जाम की तैयारी भी करती रहीं.
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2018 उन्होंने फिर से एग्जाम दिया और अपने दूसरे ही प्रयास में ऑल इंडिया 40वीं रैंक प्राप्त कर अपना आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया. फिलहाल गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में सहायक जिला मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हैं.