लहसुन (Garlic) प्राचीन समय से ही भारतीय रसोई का हिस्सा रहा है। इसका इस्तेमाल खास तौर पर खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है। लेकिन प्राचीन और आधुनिक इतिहास में इसका इस्तेमाल एक औषधि के रूप में भी किया जाता है। प्राचीन मुनियों और जानकरों ने लहसुन को औषधि बताया है।
देश और मध्यप्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण मसाला फसल लहसुन है। पूरे देश का लहसुन उत्पादन (Garlic Production) वर्ष 2020-21 में 31 लाख 84 हजार मीट्रिक टन हुआ है। लहसुन उत्पादन में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। मध्यप्रदेश में 1 लाख 90 हजार हेक्टेयर में 19 लाख 56 हजार टन उत्पादन हुआ है, जो की पूरे देश में सर्वाधिक है।
MP में पिछले 3 सालों में लगातार टॉप पर बना हुआ है। लहसुन उत्पादन में दूसरे नंबर पर राजस्थान है। यह जानकारी हाल ही में लोकसभा में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने दी है। इस प्रकार देश की लोकसभा में मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का नाम एक बार फिरसे रोशन हो गया।
कृषि मंत्री (Agriculture Minister) तोमर ने बताया कि देश में मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और असम प्रमुख लहसुन उत्पादक राज्य है। उन्होंने जानकरी दी कि देश में साल 2018-19 और 2019-20 में 29 लाख टन लहसुन उत्पादन हुआ था। वह अब करीब 3 लाख हेक्टेयर बढक़र 31 लाख टन से अधिक हो गया है।
तोमर ने लोक सभा में बताया कि राज्यों के अनुरोध पर लहसुन सहित अन्न फसलों की खरीद के लिए मंडी हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) कार्य करती है। पिछले सामान्य वर्ष की तुलना में उत्पादन में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। प्रचलित मंडी कीमतों में 10 प्रतिशत की कमी होती है, तो दबाव में बिक्री करने से बचाने के लिए कार्यान्वित किया गया है।
तोमर ने बताया कि भारत की मोदी सरकार एमआईडीएच योजना चल रही है, इसके तहत क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती, जैविक खेती, एकीकृत कीट प्रबंधन व एकीकृत पोषक प्रबंधन, जल संसाधन संरचनाओं के निर्माण, फसलोपरांत प्रबंधन, बाजार प्रांगणों का विकास, शीत भंडारण की स्थापना, मानव संसाधन विकास आदि जैसी गतिविधियों के माध्यम से लहसुन और प्याज सहित बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा देने और प्रोत्साहन देने की योजना बनाई गई है।
मंत्री ने कहा की लहसुन सहित बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए समेकित बागवानी विकास मिशन (MIDH) को कार्यान्वित कर रही है। MIDH के अंतर्गत, प्रकंद मसालों के क्षेत्रफल में विस्तार के लिए सहायता मुहैया करवाता है, जिसमें एक किस्त में प्रति लाभार्थी अधिकतम 4 हेक्टेयर की खेती के लिए 30000 रुपए प्रति हेक्टेयर 40 प्रतिशत लागत मानदंड की दर से लहसुन के मदत दी जाती है।
लहसुन के सेवन और सही इस्तेमाल के अनेक फायदे हैं (Garlic Benefits)
लहसुन का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट लहसुन खाने की सलाह देते हैं। लहसुन में मैंगनीज (Manganese) सेलेनियम (Selenium) विटामिन सी (Vitamin C) विटामिन बी 6 (Vitamin B6) एलिसिन (Allicin) और अन्य एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidants) विटामिन और मिनरल्स (Minerals) भरपूर मात्रा में पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी हैं।
लहसुन का सबसे ज्यादा इस्तेमल सर्दी और बारिश के मौसम में होता है। इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियों की रोकथाम में होता है। लहसुन में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, तो ऐसे में पेट में कीड़े होने पर कच्चा लहसुन खाने से आराम मिलता है। सर्दी, खांसी, कफ आदि समस्याओं में लहसुन फायदेमंद हैं।
आयुर्वेद डॉक्टर श्री घई के मुताबिक़ रोज सुबह कच्चा लहसुन एक गिलास पानी के साथ खाने से आपका पाचन हमेशा सही रहता है और पाचन संबंधी दिक्कत भी दूर हो जाती हैं। वे मोटे लोगो को सलाह देते हैं की रोज एक कच्चा लहसुन पानी के साथ खाने से शरीर का वजन घटता है। शादीशुदा पुरुषों की सेहत के लिए लहसुन सबसे अच्छा ऑब्शन माना गया है।