अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप में हड़कंप मचा हुआ है। संसद से लेकर सड़क तक ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग की जा रही है। इस बीच MSCI ने अडानी ग्रुप की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इंडेक्स प्रोवाइडर ने ग्रुप की चार कंपनियों के फ्री फ्लोट स्टेटस को कम कर दिया है।
अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि अडानी ग्रुप शेयरों में हेराफेरी में शामिल रहा है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों का खंडन किया है। लेकिन इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट आई है। ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से नीचे आ चुका है। गौतम अडानी भी दुनिया के अरबपतियों की लिस्ट में तीसरे से 21वें नंबर पर खिसक चुके हैं। गुरुवार को अडानी ग्रुप की 10 में से नौ कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। अडानी ग्रुप ने तत्काल इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
MSCI ने क्यों किया ऐसा
MSCI ने कहा था कि कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने अडानी ग्रुप के शेयरों को कुछ इंडेक्सेज में शामिल किए जाने के औचित्य पर सवाल उठाए हैं और उनके फ्री फ्लोट स्टेटस की समीक्षा की जाएगी। अडानी ग्रुप की आठ कंपनियां MSCI इंडेक्स में शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पावर, अंबूजा और एसीसी MSCI India इंडेक्स का हिस्सा हैं। किसी भी लिस्टेड कंपनी के लिए यह सुनिश्चित करना होता है कि उसकी कम से कम 25 फीसदी शेयरहोल्डिंग पब्लिक के पास होनी चाहिए।