Gautam Adani: अब इस बात के सबूत मिल गए हैं कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सफल बनाने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आई दो आरोपी कंपनियों ने बड़ी भूमिका निभाई है.
नई दिल्ली:गौतम अडानी ने बुधवार को ही अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को वापस लेने की घोषणा कर दी थी. Adani Enterprises के एफ़पीओ के सफल होने के बाद भी इसे वापस लेने के बारे में gautam adani group ने बताया कि वे निवेशकों को संभावित नुकसान से बचना चाहते थे. इसके बाद से ही इस बारे में सवाल उठाए जाने लगे थे कि क्या अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सफल बनाने के लिए गौतम अडानी ग्रुप ने कोई खेल किया है?
अब इस बात के सबूत मिल गए हैं कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सफल बनाने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आई दो आरोपी कंपनियों ने बड़ी भूमिका निभाई है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई थी कि इन दोनों कंपनियों के अडानी ग्रुप से संबंध हैं, इस वजह से उन्होंने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सफल बनाने में पूरा जोर लगा दिया था.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया था कि इन दोनों कंपनियों ने अडानी ग्रुप के अकाउंटिंग फ्रॉड और स्टॉक मार्केट मैनिपुलेशन में मदद की है. अब इस बात के सबूत मिल चुके हैं कि अडानी एंटरप्राइजेज के 2.5 अरब डॉलर के ऑफर सेल ऑफर में यह दोनों कंपनियां एक्टिव रूप से शामिल थी.
लंदन की निवेश फार्म एलारा कैपिटल की सहयोगी इकाई एलारा कैपिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और भारत की एक ब्रोकरेज फर्म मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के लिए 10 अंडरराइटर्स की सूची में शामिल थी.
एलारा कैपिटल की इंडिया अपॉर्चुनिटी फंड एक ऑफशोर व्हीकल है जिसके पास अडानी ग्रुप की कंपनियों के तीन अरब डॉलर के शेयर हैं. यह वास्तव में अडानी ग्रुप की स्टॉक पार्किंग एंटीटी की तरह काम करती है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में यह आरोप लगाया है.
भारत की ब्रोकरेज कंपनी मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड की आंशिक हिस्सेदारी वाली कंपनी है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अलबुला नाम का एक ऑप्शन फंड भी अडानी की प्रॉक्सी कंपनी है जिसकी मोनार्क में 10 फ़ीसदी हिस्सेदारी है.
अडानी इंटरप्राइजेज के ऑफर स्टेटमेंट के मुताबिक एलारा कैपिटल की जिम्मेदारियों में ड्राफ्टिंग और अप्रूवल ऑफ ऑल पब्लिसिटी मटेरियल शामिल था जबकि मोनार्क को निवेशकों के लिए non-institutional मार्केटिंग की जिम्मेदारी दी गई थी.