भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस गौतम अडानी (Gautam Adani) की दो कंपनियों ने बुधवार को अपने तिमाही नतीजे घोषित कर दिए। जून तिमाही में अडानी पावर (Adani Power) का मुनाफा कई गुना बढ़ गया। इस दौरान भीषण गर्मी और इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज के पटरी पर लौटने से बिजली की मांग चरम पर पहुंच गई थी।
जून तिमाही में कंपनी का कुल खर्च 9,642.80 करोड़ रुपये रहा जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 6,763.50 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी और उसकी अनुषंगी इकाइयों के बिजलीघरों का औसत ‘प्लांट लोड फैक्टर’ (क्षमता उपयोग) 58.6 प्रतिशत रहा। कंपनी की स्थापित क्षमता 13,650 मेगावॉट है। इस तिमाही के दौरान भीषण गर्मी और कोराना का प्रकोप कम होने के साथ ही औद्योगिक गतिविधियों के पटरी पर लौटने से देश में बिजली की मांग रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी।
अडानी विल्मर का रिजल्ट
इस बीच खाद्य तेल क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अडानी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmar) का जून में समाप्त पहली तिमाही का एकीकृत शुद्ध लाभ 10 प्रतिशत बढ़कर 193.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एडब्ल्यूएल ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि ऊंची कीमतों से कंपनी की मुनाफा बढ़ा है।
एडब्ल्यूएल ने वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही में 175.70 करोड़ रुपये शुद्ध लाभ कमाया था। चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में कंपनी की कुल आय बढ़कर 14,783.92 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 11,369.41 करोड़ रुपये थी।
अडानी विल्मर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंगशु मलिक ने कहा कि कुछ जिंसों की कीमतों में नरमी के कारण अंतत: राहत के संकेत मिले हैं, जिससे आने वाली तिमाही में मांग में सुधार होने की संभावना है। अडानी विल्मर के पास एक विविध उत्पाद पोर्टफोलियो है, जिसमें खाद्य तेल, आटा, चावल, दालें, बेसन और चीनी समेत अधिकांश घरेलू इस्तेमाल का सामान शामिल है। इसका प्रमुख ब्रांड ‘फॉर्च्यून’ भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला खाद्य तेल ब्रांड है। कंपनी के भारत के 10 राज्यों में 23 संयंत्र हैं, जिनमें 10 पेराई इकाइयां और 19 रिफाइनरियां शामिल हैं।