अडानी ग्रुप और अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर गहरा गया है। अडानी ग्रुप ने रविवार को अमेरिकी कंपनी की रिपोर्ट पर 413 पेज का जवाब भेजा था। इस पर Hindenburg Research का भी जवाब आ गया है। उसका कहना है अडानी ग्रुप मुद्दों से ध्यान भटका रहा है।
नई दिल्ली: अमेरिका की शॉर्ट-सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप (Adani Group) में आजकल कोहराम मचा हुआ है। पिछले बुधवार को आई इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप दशकों से खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और अकाउंट धोखाधड़ी में शामिल रहा है। इससे बुधवार और शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। आज ग्रुप के शेयरों में मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है। Hindenburg Research की रिपोर्ट पर अडानी ग्रुप ने 413 पेज का जवाब भेजा था। इस पर आज अमेरिकी कंपनी का भी रिस्पॉन्स आ गया। उसका कहना है कि राष्ट्रवाद को चोला ओढ़कर धोखाधड़ी से नहीं बचा जा सकता। अडानी ग्रुप ने असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश की है। आरोपों का जवाब देने के बजाय अडानी ग्रुप राष्ट्रवाद का सहारा ले रहा है।
Hindenburg Research ने कहा, ‘हम मानते हैं कि भारत एक वाइब्रेंट डेमोक्रेसी है और एक सुपरपावर के तौर पर उबर रहा है। हम साथ ही यह भी मानते हैं कि अडानी ग्रुप भारत के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। यह ग्रुप राष्ट्रवाद की आड़ में देश को लूट रहा है। हमारा मानना है कि फ्रॉड चाहे जो भी करे वह फ्रॉड होता है। आप इसे देश पर हमला बताकर बच नहीं सकते हैं।’ अमेरिकी फर्म ने कहा कि उसके अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे थे जिसमें से उसने 62 सवालों के जवाब नहीं दिए। इनमें से कई सवाल ट्रांजैक्शंस की प्रवृत्ति और हितों के टकराव के बारे में पूछे गए थे। लेकिन अडानी ग्रुप ने इनका कोई जवाब नहीं दिया। उसने जो जवाब दिया है उसमें काफी हद तक हमारी रिपोर्ट की पुष्टि की है।
विनोद अडानी के साथ डीलिंग
हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि उसकी रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि अडानी ग्रुप ने गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी और उनकी विदेशी शेल कंपनियों के साथ अरबों डॉलर की डीलिंग की है। विनोद अडानी की विदेश में 38 कंपनियां हैं। उनकी मॉरीशस के अलावा यूएई, साइप्रस, सिंगापुर और कई कैरेबियाई देशों में कंपनियां हैं। इनसे अडानी ग्रुप के शेयरों और अकाउंटिंग पर सवाल उठते हैं। इसके जवाब में अडानी ग्रुप ने कहा कि विनोद अडानी उसकी किसी भी कंपनी से नहीं जुड़े हैं और इन ट्रांजैक्शंस में कोई गड़बड़ी नहीं है।
अडानी का जवाब
इससे पहले अडानी ग्रुप की तरफ से रविवार को एक बयान जारी किया गया था। ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों पर 413 पेज का जवाब भी जारी किया था। ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को भारत पर हमला बताया। ग्रुप ने कहा कि वह 24 जनवरी को ‘मैडऑफ्स ऑफ मैनहट्टन’ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को पढ़कर हैरान और काफी परेशान है। यह रिपोर्ट झूठ के अलावा और कुछ नहीं है। इसमें एक खास उद्देश्य के लिए ग्रुप को बदनाम करने के लिए निराधार आरोप लगाए गए हैं। इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है।