मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिलाई प्रवास के दौरान जहां हाटी के मुद्दे को उठाने के लिए बलदेव तोमर की पीठ थपथपाई, वहीं मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंच पर फिर से माना कि वह सिरमौर के मामा हैं, तो वह भी हाटी हुए। पंडाल में सिरमौर के मामा-भानजे की बात मुख्यमंत्री के मुंह से निकलते ही पूरे पंडाल में तालियों की गडग़ड़ाहट गूंज उठी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि शिलाई व सराज उनके लिए एक समान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपका मामा हूं, अब भानजों की बारी है। भानजों ने जो मांगा, वह दिया, परंतु अब मामा मांगने आया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में गत 40 वर्षों से भी अधिक समय का रिवाज बदलेगा तथा राजशाही के गुरूर में डूबे कुछ नेताओं को हिमाचल की जनता सबक भी सिखाएगी। हिमाचल प्रदेश की स्थापना के 75 वर्ष होने पर सिरमौर के श्रीरेणुकाजी व शिलाई में आयोजित प्रगतिशील हिमाचल स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने प्रभावी ढंग से जिला सिरमौर के गिरिपार की 150 पंचायतों के तीन लाख हाटी समुदाय का मुद्दा प्रभावी ढंग से केंद्र सरकार के समक्ष उठाया है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही हाटी कबीले को अच्छी खबर मिलेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को अलग पहाड़ी राज्य के रूप में अस्तित्त्व में लाने में सिरमौर का अग्रणी योगदान रहा, क्योंकि सिरमौर के सपूत डा. यशवंत सिंह परमार ने लंबे समय तक संघर्षपूर्ण नेतृत्त्व प्रदेश का किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल निर्माता डा. यशवंत सिंह परमार का सराहनीय कार्य रहा। उन्होंने कहा कि 75 वर्षों में सभी मुख्यमंत्रियों का अहम योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गठन के समय हिमाचल प्रदेश की साक्षरता दर 4.8 प्रतिशत थी, जो आज बढक़र 83 प्रतिशत हो गई है। सडक़ों की लंबाई 288 किलोमीटर से बढक़र 39500 किलोमीटर तथा स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या 88 से बढक़र 4320 हो गई है। उन्होंने कहा कि 1948 में राज्य में केवल 301 शिक्षण संस्थान थे जिनकी संख्या अब बढक़र 16124 हो गई है। 240 रुपए प्रति व्यक्ति आय बढक़र अब दो लाख पार कर चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल के प्रति अपार लगाव है। (एचडीएम)
जल्द सुलझेगा हाटियोंं का मुद्दा