गीता जयंती 3 दिसंबर को मनाई जाएगी। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी दिन ही गीता जयंती मनाई का पर्व मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में महाभारत युद्ध का आरंभ होने से पहले अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। गीता के माध्यम से श्रीकृष्ण ने मनुष्य जाति को जीवन का वह संदेश दिया था जिससे वह जीवन को सफल बना सके। आप भी गीता के इन संदेशों को एक लाइन में समझें और मित्रों और सगे संबंधियों को भी गीता जंयती के संदेश देकर उनकी लाइफ में भी ज्ञान का प्रकाश लाएं। आइए जानते हैं गीता के कुछ श्लोक के अर्थ एक लाइन में।
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श्रीभगवद्गीता कर्म का संदेश
इस श्लोक में भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि व्यक्ति को कर्म करते रहना चाहिए फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।
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श्रीभगवद्गीता ज्ञान इन चीजों का करें त्याग
भगवान कृष्ण ने इस श्लोक के जरिए बताया है कि व्यक्ति को काम, क्रोध और लोभ का त्याग करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन सरल होता है।
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श्रीभगवद्गीता जीवन का सार
भगवान कृष्ण कहते हैं कि व्यक्ति को समुद्र की तरह धैर्यवान होना चाहिए। समुद्र की तरह सबकी सुनने पर भी पर शांति से रहना चाहिए।
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श्रीभगवद्गीता जीवन का ज्ञान
इस श्लोक में भगवान कृष्ण कहते है कि व्यक्ति को जीवन के हर हाल में खुद को सही रखना चाहिए।
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श्रीभगवद्गीता लाइफ मैनेजमेंट टिप्स
भगवान कृष्ण कहते हैं कि आत्मा अमर है सिर्फ व्यक्ति का शरीर मरता है।
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श्रीभगवद्गीता जीवन का संदेश
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि आत्मा शरीर बदलती रहती है मरता केवल व्यक्ति का शरीर है। आत्मा न तो मरती है और न ही इसे कोई मार सकता है।