Giorgia Meloni Italy: मुसोलिनी की समर्थक, मुसलमानों की विरोधी… कौन हैं जॉर्जिया मेलोनी, बनेंगी इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री

जॉर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेतृत्व में धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों का गठबंधन आम चुनाव में 43.8 फीसदी वोट मिला है, वहीं मेलोनी की पार्टी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली को अकेले 26 फीसदी वोट हासिल हुआ है। जॉर्जिया मेलोनी का जन्म 15 जनवरी 1977 को रोम में हुआ था।

Giorgia Meloni, leader of the far-right Brothers of Italy party, attends a rally in Milan.
जॉर्जिया मेलोनी

रोम: इटली में हुए आम चुनाव में ब्रदर्स आफ इटली पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। इस पार्टी की नेता जॉर्जिया मेलोनी हैं, जो इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं। मेलोनी को इटली के फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी का समर्थक और इस्लामोफोबिक नेता माना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका होगा, जब इटली में किसी दक्षिणपंथी पार्टी की सरकार बनेगी। इटली की राजधानी रोम से आने वाली 45 वर्षीय मेलोनी ने ‘God, country and family’ नारे के साथ प्रचार किया था। वह एक ऐसी पार्टी का नेतृत्व करती हैं जिसने एलजीबीटीक्यू और गर्भपात अधिकारों को कम करने का प्रस्ताव दिया है। चुनावों में जीत के बाद मेलोनी ने कहा कि अगर हमें इस देश पर शासन के लिए आमंत्रित किया जाता है, तो हम इटली के सभी नागरिकों को ध्यान में रखकर सरकार चलाएंगे। हम यह (इस देश के) सभी नागरिकों को एकजुट करने के उद्देश्य से करेंगे। हमें इटली ने चुना है। हम (देश को) कभी धोखा नहीं देंगे, जैसा कि हमने पहले कभी नहीं किया है।

इटली में किस पार्टी को कितने वोट मिले
जॉर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेतृत्व में धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों का गठबंधन आम चुनाव में 43.8 फीसदी वोट मिला है, वहीं मेलोनी की पार्टी पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली को अकेले 26 फीसदी वोट हासिल हुआ है। वहीं गठबंधन में उसके सहयोगी माटेओ साल्विनी की पार्टी द लीगा को 8.8, सिल्वियो बर्लुस्कोनी की फोर्ज़ा इटालिया को 8 फीसदी वोट हासिल हुआ है। वामपंथी गठबंधन, जिसका नेतृत्व डेमोक्रेटिक पार्टी कर रही है, उसे 19 फीसदी वोट मिला है। इटली के पूर्व प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे की फाइव स्टार मूवमेंट पार्टी को सिर्फ 15.3 फीसदी वोट हासिल हुआ है। वोटों की गिनती शुरू होते ही डेमोक्रेटिक पार्टी ने हार मान ली और नतीजों को देश के लिए एक दुखद शाम बताया।

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2012 में बनाई थी ब्रदर्स ऑफ इटली नाम से पार्टी
जॉर्जिया मेलोनी का जन्म 15 जनवरी 1977 को रोम में हुआ था। 1992 में नव-फासीवादी राजनीतिक दल इटालियन सोशल मूवमेंट (MSI) की युवा शाखा, यूथ फ्रंट में शामिल हुईं। बाद में वह नेशनल अलायंस (AN) के छात्र आंदोलन, स्टूडेंट एक्शन की राष्ट्रीय नेता बनीं। वह 1998 से 2002 तक रोम प्रांत की काउंसलर भी रहीं, जिसके बाद वह एएन की युवा शाखा यूथ एक्शन की अध्यक्ष बनीं। 2008 में, उन्हें बर्लुस्कोनी IV कैबिनेट में युवा मंत्री नियुक्त किया गया। वह इस पद पर साल 2011 तक काबिज रहीं। 2012 में, उन्होंने ब्रदर्स ऑफ इटली नाम की पार्टी की स्थापना की और 2014 में इसकी अध्यक्ष बन गईं। उन्होंने 2014 के इटली में यूरोपीय संसद चुनावों में हिस्सा लिया। 2016 में उन्होंने रोम म्यूनिसिपल इलेक्शन में भी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन दुर्भाग्य से एक भी चुनाव जीत न सकीं।

Italy shifts to the right as voters reward Melonis party.

2018 के चुनाव में अकेले निभाई विपक्ष की भूमिका
2018 के इटली के आम चुनाव के बाद, उन्होंने पूरे 18वीं संसद में विपक्षी नेता के तौर पर भूमिका अदा की। उनके भाषण और कार्य ने आम लोगों के मन में उनकी पार्टी का विशेष स्थान बनाने में बड़ी भूमिका अदा की। प्रधानमंत्री ड्रैगी के कार्यकाल में ब्रदर्स ऑफ इटली एक मात्रा विपक्षी पार्टी थी। यही कारण है कि 2022 के आम चुनाव में जॉर्जिया मेलोनी की ब्रदर्स ऑफ इटली पहले स्थान पर रही। जॉर्जिया मेलोनी को घोर दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी इटैलियन राजनेता माना जाता है। वह शुरू से ही गर्भपात, इच्छामृत्यु, सेम सेक्स मैरिज जैसे मांगो का विरोध करती रही हैं। वह दावा करती हैं कि एकल परिवार पुरुष-महिला जोड़े के नेतृत्व में ही रह सकता हैं। उनके ऊपर जेनोफोबिया और इस्लामोफोबिया का आरोप लगता रहा है।

FILE PHOTO_ Reuters interview with Brothers of Italy leader Giorgia Meloni.

मुसोलिनी की प्रशंसक और मुसलमान विरोधी होने का आरोप
जॉर्जिया मेलोनी ने 1996 में इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की प्रशंसा की थी। इतना ही नहीं, वह 2020 में नाजी सहयोगी और MSI के सह-संस्थापक जियोर्जियो अल्मिरांटे की प्रशंसा कर भी विवादों में रही थीं। जॉर्जिया को नाटो समर्थक नेता माना जाता है। हालांकि, वह यूक्रेन पर आक्रमण से पहले रूस के साथ अच्छे संबंधों के पक्ष में भी थीं। लेकिन, चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया और उसे हथियार भेजने की बात भी कही।