महिलाओं ने कलेक्टर आशीष मोदी को चार दलालों के नाम भी दिए हैं। जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर मांडलगढ़ थाना पुलिस ने बच्चियों को खरीदने वाले दलालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन और राज्य महिला आयोग सवालों के घेरे में है।
राजस्थान के भीलवाड़ा में स्टांप पर बेंची जा रहीं बेटियों का एक और मामला सामने आया है। इससे पहले एक मीडिया संस्थान में इस तरह के मामले के उजागर किया था तो अफसरों का कहना था कि यह पुराना केस है। शहर के इस तरह की घटनाएं नहीं हो रही हैं, लेकिन अब मामले सामने आने के बाद एक फिर जिला प्रशासन के अधिकारियों और राज्य महिला आयोग की जांच सवालों के घेरे में हैं। हालांकि, इस मामले में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कर्ज चुकाने नाबालिग बेटियों का सौदा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते गुरुवार को दो महिलाएं कलेक्टर आशीष मोदी के पास पहुंची। एक महिला ने अपनी शिकायत के कहा कि उसके ससुर और पति ने कर्ज चुकाने के लिए दो ननदों को दलालों को बेच दिया। ये दलाल लड़कियों से देह व्यापार कराने का काम करते हैं। पीड़िता ने बताया कि उसकी 7 और 8 साल की दो ननदों का 3.5 लाख रुपये में सौदा हुआ था। इसी तहर कलेक्टर के पास पहुंची दूसरी महिला ने कहा कि उसके पति ने आठ साल की बेटी को दस साल पहले दलालों को बेच दिया। उसके बाद से वह कभी अपनी बेटी से नहीं मिल पाई है।
महिलाओं ने कलेक्टर आशीष मोदी को चार दलालों के नाम भी दिए हैं। जिसके बाद कलेक्टर के आदेश पर मांडलगढ़ थाना पुलिस ने बच्चियों को खरीदने वाले दलाल मुकेश और उसकी पत्नी गायत्री, सरिना पत्नी गोपाल और कमला पत्नी रुपा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। यह सभी आरोपी सवाईमाधोपुर जिले के रहने वाले हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी उठाए थे सवाल
बीते दिनों राजस्थान दौरे पर आईं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने भी इस मामले को लेकर गंभीर बातें कहीं थी। उन्होंने कहा था कि राजस्थान में बच्चियों से सेक्स वर्कर का काम कराया जा रहा है। यहां एक बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है। केंद्र सरकार इसकी जांच के लिए जांच के लिए कोई कमेटी या एसआईटी बनाए। जिससे पता चल सके कि यह बच्चियां कौन-कौन से प्रदेश से यहां लाईं जा रही है और कहां भेजी जा रही हैं।
रेखा शर्मा ने दावा किया था कि भीलवाड़ा ही नहीं भरतपुर, सवाईमाधोपुर, भरतपुर और प्रदेश में जहां-जहां हाईवे हैं वहां बच्चियों से देहव्यापार काम कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के डीजीपी एमएल लाठर और सभी जिलों के एसपी को इसकी जानकारी है, लेकिन उन्होंने आंखों पर पट्टी बांध रखी है।
उन्होंने कहा था कि भीलवाड़ा में लड़कियां के स्टांप पर बेचे जाने की खबर सामने आने के बाद मैंने दिल्ली से एक टीम भेजी थी। इस दौरान प्रशासन ने मामला दबाने का प्रयास किया। इस बीच मैं निजी दौरे पर सवाई माधोपुर आई। जहां मीडिया से पता चला कि सवाई माधोपुर में भी छोटी बच्चियों से भी सेक्स वर्कर का काम कराया जा रहा है। राजस्थान के हाईवे पर एक ही समुदाय छोटी बच्चियों से यह काम करा रहा है।