कंबोडिया (Cambodia) के एक बिजनेस टायकून ने तय किया है कि वह अपने देश को अमेरिका से आगे लेकर जाएंगे। कंबोडिया में महात्मा बुद्ध की एक प्रतिमा बनाने की तैयारी हो रही है जो स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (Statue of Liberty) से भी ज्यादा ऊंची होगी। इस बिजनेसमैन ने अपने इस प्लान के बारे में भी मीडिया को बताया है और उनकी इस योजना को देश के पर्यटन उद्योग के लिए भी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है।
नोम पेन्ह: कंबोडिया के पर्यटन क्षेत्र के बिजनेस टायकून सोक कोन्ग ने अपने उस मिशन की जानकारी दी है जिसके बाद अमेरिका भी इस देश से पीछे हो जाएगा। कंबोडिया के अरबपति कोन्ग देश में 30 मंजिला महात्मा बुद्ध की सोने की एक प्रतिमा बनाने की तैयारी कर रहे हैं। कोन्ग के लिए यह एक अति महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट होगा। कोन्ग का मकसद दुनिया में महात्मा बुद्ध की सबसे बड़ी प्रतिमा का अनावरण करना है। यह प्रतिमा देश की कैमपॉट के बाहरी इलाके में होगी। कोन्ग का कहना है कि अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो 100 मीटर लंबी यह प्रतिमा देश के दक्षिणी हिस्से में गौरवशाली पल को लेकर आएगी।
3000 करोड़ से ज्यादा की कीमत
यह प्रोजेक्ट 34 मिलियन पौंड यानी 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन की तरफ से इसे मंजूरी दे दी गई है। हुन सेन को यह प्लान काफी प्रभावी लगा और उन्होंने इसे तुरंत ही ग्रीन सिग्नल दे डाला। हुन सेन की मानें तो यह प्रतिमा खमेर संस्कृति का प्रदर्शन करेगी। कोन्ग ने अपने इस प्लान की झलक महात्मा बुद्ध की विशालकाय प्रतिमा की तस्वीरों के जरिए दी है। जो फोटोग्राफ उन्होंने दिखाई हैं, उनसे साफ नजर आ रहा है कि सोने के बुद्ध एक मंदिर के जरिए पूरे देश की तरफ देखते हुए नजर आ रहे हैं। इस प्रतिमा को बोकोर पहाड़ियों पर बनाया जाएगा।
कौन हैं कोन्ग
कोन्ग को कंबोडिया को सबसे सफल बिजनेसमैन माना जाता है। उन्होंने घोषणा की है कि यह प्रतिमा पर्यटकों को तो आकर्षित करेगी ही साथ ही साथ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बिंदु होगी। सोका होटल के मालिक कोन्ग इस प्रतिमा को खुशी, समृद्धता और आजीवन शांति के लिए समर्पित करेंगे। उनकी योजना को स्वागत कई धार्मिक नेताओं ने किया है। हालांकि कुछ लोगों ने इस पैसे की बर्बादी बताया है। महानिकाया भिक्षु आदेश के मुखिया खिम सोर्न ने इस योजना का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि इससे देश में बौद्ध धर्म को बढ़ावा मिलेगा। उनकी मानें तो उन्हें इसमें धन की बर्बादी नजर नहीं आती है क्योंकि बुद्ध की यह प्रतिमा आने वाले समय में कई पीढ़ियों को शांति की सीख देगी। साथ ही कंबोडिया को दुनिया के नक्शे में एक नई पहचान भी प्रदान करेगी।
स्टैच्यु ऑफ लिबर्टी भी पीछे
काम्पोट प्रांतीय भिक्षुओं के प्रमुख वेन नेत चंदारा ने कहा कि वह इस योजना से वाकई काफी खुश हैं क्योंकि एक बिजनेस टायकून ने इस तरह का कोई प्लान लॉन्च किया है। उनकी मानें तो प्रतिमा की स्थापना देश के धार्मिक इतिहास का हिस्सा बन जाएगी। एक बार यह प्रतिमा पूरी हो गई तो फिर हांगकांग में द बिग बुद्धा भी इससे पीछे छूट जाएगा। यह प्रतिमा सिर्फ 34 मीटर की दूरी पर है। यह स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को भी मात देगा, जो 46 मीटर लंबा है।