Good News: बंटाई पर खेती करने वाले जाहिद ने किसानी से बना ली 20 बीघा जमीन, अब दर्जनों को दी है नौकरी

अगर किसान परंपरागत कृषि से हटकर आधुनिक पद्धति से खेती करता है तो निश्चित ही खेती में वह किसान सफल हो जाता है। ऐसा करके ही जाहिद अली अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गए।

किसानों के लिए मिसाल बने जाहिद अली
किसानों के लिए मिसाल बने जाहिद अली

अनिल सिंह, बांदाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संदेश को बांदा के प्रगतिशील किसान जाहिद अली ने जमीन पर उतार दिया है। जाहिद न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हैं बल्कि 6 परिवार के करीब 2 दर्जन लोगों को अपने फार्म हाउस में रोजगार देकर उनकी मदद की है। किसान जाहिद को हर फसल के उत्कृष्ट उत्पादन और सब्जियों के उत्पादन में भी लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के लिए लगातार पुरस्कृत किया जा रहा है। मंडलीय किसान मेले में भी उन्हें सर्वश्रेष्ठ किसान घोषित किया गया।

जिले के अतर्रा तहसील के रहने वाले जाहिद अली की दो दशक पहले आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में उन्होंने इंटरमीडिएट पास करने के बाद खेती करने की ठान ली। बटाई पर कुछ जमीन लेकर पिता के साथ खेती में हाथ बंटाने लगे। इसके साथ ही प्राइवेट पढ़कर ग्रेजुएट बन गए। लीज पर जमीन लेकर वह खेती में आगे बढ़ते गए। खेती की बदौलत ही आज वह लगभग 20 बीघे जमीन के काश्तकार हैं। जाहिद ने फार्म हाउस बनाकर गेहूं-चना और धान उगाने के साथ-साथ सब्जी की खेती की और जमकर मुनाफा कमाया। इसके साथ ही अपने फार्म हाउस में दो दर्जन लोगों को काम भी दिया, जो इनके यहां मेहनत करके अपना और अपने परिवार का पेट भर रहे हैं।


सब्जी की खेती में एक साथ मिले 5 अवार्ड

शुक्रवार को एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत दो दिवसीय किसान मेला और ड्रॉप मोर क्राप योजना के तहत मंडलीय वर्कशॉप तथा मंडलीय फल शाक सब्जी और पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन जिला उद्यान अधिकारी परिसर में किया गया। जहां प्रगतिशील किसान जाहिद अली के किए गए सब्जी के उत्पादन को न सिर्फ सराहा गया बल्कि इनके उत्कृष्ट उत्पादन के लिए एक साथ पांच सब्जियों के लिए पांच अवार्ड दिए गए।

जाहिद को ये अवार्ड चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर आरपी सिंह ने दिया। इस किसान मेला में 127 प्रतिभागियों ने अलग-अलग उत्पाद वर्ग में भाग लिया, जिसमें 38 किसानों को प्रथम पुरस्कार, 23 को द्वितीय पुरस्कार कमिश्नर ने दिया। इसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन प्रगतिशील किसान जाहिद अली का रहा। उन्होंने कद्दू-बैगन-सेम-फूलगोभी का बेहतरीन उत्पादन किया। इसके लिए उन्हें प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसी तरह इन्हें मिर्च उगाने के लिए भी पुरस्कृत किया गया।

इसके लिए उन्हें द्वितीय पुरस्कार दिया गया। पिछले साल कद्दू वर्गीय खेती में बुंदेलखंड कुकर विट पुरस्कार दिया गया था। इस बारे में प्रगतिशील किसान जाहिद अली का कहना है कि रबी और खरीफ की खेती पर निर्भर रहने वाले किसान अगर अपने खेतों में सब्जी नहीं उगाते, मेरी नजर में वह अधूरे किसान हैं। सब्जी की खेती की बदौलत मैं आत्मनिर्भर बन सका। इस बारे में कमिश्नर आरपी सिंह का कहना है कि परंपरागत कृषि तकनीक से हटकर उन्नत पद्धति और बागवानी क्षेत्र में खेती करके अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।