Good News: इलेक्ट्रिक वाहन अब नहीं बनेंगे ‘आग का गोला’, नोएडा के स्‍टूडेंट्स ने बनाया हीट अलर्ट सिस्‍टम

Fire in electric vehicles: नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के दो छात्रों ने इलेक्ट्रिक वीइकलों में लगने वाली आग की समस्‍या से निपटने के लिए हीट अलर्ट सिस्‍टम बनाया है जो समय रहते चालक को आगाह कर देगा।

Good News: इलेक्ट्रिक वाहन अब नहीं बनेंगे 'आग का गोला', नोएडा के दो स्‍टूडेंट ने बनाया हीट अलर्ट सिस्‍टम
सांकेतिक तस्‍वीर

नोएडा: बदलते समय के साथ इलेक्ट्रिक वीइकल या ईवी का चलन बढ़ता जा रहा है। सरकार भी इनके इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहित कर रही है वहीं पर्यावरण विशेषज्ञ भी इन्‍हें प्रदूषण फैलाने वाले डीजल-पेट्रोल वाहनों से बेहतर मान रहे हैं। लेकिन इनमें एक ऐसी समस्‍या है जिसकी वजह से लोग इनके इस्‍तेमाल से हिचकते हैं। यह वजह है इन वाहनों में अचानक आग (Fire in electric vehicles) लग जाना। आग लगने की यह घटनाएं बहुत आम हैं और अकसर गर्मी के दिनों में देखी गई हैं। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी (sharda university) के इंजीनियरिंग के दो छात्रों सुधांशु और प्रांजल ने एक हीट अलर्ट डिवाइस बनाया है। इसकी मदद से ईवी में आग लगने से पहले ही अलार्म बज जाएगा और किसी भी दुर्घटना से बचाव हो सकेगी।

इन दोनों ने जो डिवाइस विकसित किया है उसे उन्‍होंने इसी साल जून महीने में सूक्ष्‍म, लघु व मध्‍यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) की ओर से आयोजित आइडिया हैकाथन में इसका प्रदर्शन किया था। एमएसएमई ने इस प्रोजेक्‍ट की सफलता दर 95 पर्सेंट आंकी और उसे प्रोत्‍साहन के तौर पर 15 लाख रुपये का अनुदान मिला।

pranjal sudhanshu

प्रांजल कुमार और सुधांशु शर्मा

क्‍यों लगती है आग?
इन दोनों छात्रों ने इस हीट अलर्ट डिवाइस को बनाने से पहले यह जांचा कि ईवी में आग क्‍यों लगती है। इसमें पाया गया कि जिन वाहनों में आग लगी थी उनमें बैटरी पैनल का तापमान बढ़ गया था। तापमान बढ़ने सेल फटने और तार में शॉर्ट सर्किट होने की आशंका बढ़ जाती है। अब चूंकि ईवी में लीथियम आयरन बैटरी लगी होती है जो गाड़ी चलने पर काफी गर्म हो जाती है। जब इसका तापमान 150 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है तो इसके फटने की आशंका बहुत हद तक बढ़ जाती है।

फिर बनाया ऐसा सॉफ्टवेयर
सुधांशु और प्रांजल ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो हर समय वाहन के टेंपरेचर पर नजर रखता है। जैसे ही इसका तापमान एक सीमा से ज्‍यादा ऊंचा जाता है वह ड्राइवर को अलर्ट कर देता है। सुधांशु और प्रांजल ने इस सिस्‍टम को बनाने में अधिकांश चीजें स्‍वदेशी प्रयोग की हैं।

जल्‍द ही सभी ईवी सेफ हो जाएंगे
सुधांशु और प्रांजल के इस सिस्‍टम को एमएसएमई की प्रोजेक्‍ट मॉनिटरिंग एंड एडवाइजरी कमिटी ने चुन लिया है। इसे ईवी में लगाया जाएगा। इस तरह अब इस सिस्‍टम की मदद से ईवी और सेफ हो जाएंगे।