नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को रेलवे कर्मचारियों के लिए 78 दिन के प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस (पीएलबी) को मंजूरी दे दी है. सूत्रों के अनुसार, इससे करीब 11 लाख नॉन-गेजेटेड रेलवे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा. इस घोषणा से सरकारी खजाने पर 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. सरकार ने इसके अलावा 4 फीसदी डीए बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है.
ये बोनस वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिया जाएगा. इससे पहले भी सरकार ने 2021 में 78 दिनों के बोनस की घोषणा की थी. उस समय भी 11 लाख से अधिक रेलवे कर्मचारियों को इसका लाभ मिला था. सरकार आमतौर पर दशहरे से पहले ही बोनस की घोषणा करती है. 2021 में दिए बोनस के कारण सरकारी खजाने पर 1985 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा था.
हर पात्र कर्मचारी को मिलेगा इतना बोनस
रेलवे कर्मचारियों को 7,000 रुपये प्रति माह का अधिकतम प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस दिया जा सकता है. इसके आधार पर अगर 78 दिनों के बोनस की गणना की जाए तो हर पात्र रेलवे कर्मचारी को सरकार 17951 रुपये का बोनस देगी.
रेलवे ने शुरू की थी प्रथा
सरकार के अंदर काम करने वाले विभागों में से भारतीय रेलवे पहला था जिसने पीएलबी की शुरुआत की थी. रेलवे ने इसे 1979-80 में शुरू किया था. रेलवे कर्मचारियों को पेमेंट ऑफ बोनस एक्स-1965 से अलग बोनस दिया जाता है. देश निर्माण में रेलवे के महत्व को देखते हुए पीएलबी की शुरुआत की गई थी. हालांकि, यह पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट से अलग है लेकिन इसके अंतर्गत उस एक्ट की कई मुख्य चीजों को रखा गया.
आम आदमी से जुड़े कई फैसलों पर लगी मुहर
आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी के इजाफे को अनुमति दे दी गई. केंद्रीय कर्मचारी पिछले काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे. इसके बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 38 फीसदी हो जाएगा. इससे पहले मार्च में भी महंगाई भत्ता 3 फीसदी बढ़या गया था. इसके अलावा सरकार ने गरीब कल्याण योजना को और 3 महीने के लिए आगे बढ़ा दिया है. इसका मतलब है कि करीब 80 करोड़ भारतीयों को अब दिसंबर तक मुफ्त अनाज मिलेगा.