Good News : सब्जी के ठेले से शुरू हुआ सफर… मेहनत और संघर्ष से बदली सूरत, हार न मानना सिखाती है पूनम की कहानी

UP Vidyut Sakhi: उत्तर प्रदेश केइटावा में रहने वाली पूनम बिजली सखी के रूप में सरकार की मदद कर रही हैं। वह ग्रामीण इलाकों में घर घर जाकर बिजली बिल पहुंचाती है और पैसे वसूलती हैं। इससे ग्रामीणों को लंबी लाइनों में खड़े होने के झंझट से मुक्ति मिल गई है।

इटावा: हिम्मत न हार बंदे किस्मत कभी भी पलट सकती है… कुछ ऐसा ही कहानी है उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के भरथना की पूनम कभी सब्जी बेच कर अपना जीवन यापन करती थी। बदहाल जिंदगी में तब सुधार आया जब पूनम शांति सहायता समूह से जुड़ कर पॉवर कारपोरशन की बिजली बिल जमा करने की योजना से जुड़ कर गांव के लोगों के बिजली जमा करने का काम मिला। इस काम ने पूनम की जिंदगी को पूरी तरह पलट कर रख दिया।

उत्तर प्रदेश के इटावा में रहने वाली पूनम बिजली सखी (Bijli Sakhi) के रूप में सरकार की मदद कर रही हैं। वह ग्रामीण इलाकों में घर घर जाकर बिजली बिल पहुंचाती है और पैसे वसूलती हैं। इससे ग्रामीणों को लंबी लाइनों में खड़े होने के झंझट से मुक्ति मिल गई है।

साल में जमा करा चुकी हैं एक करोड़ 83 लाख का बिल
दरअसल इस काम के बदले पूनम को कमीशन मिलता है। इस साल पूनम अब तक एक करोड़ 83 लाख रुपये बिजली बिल कलेक्‍ट कर चुकी हैं। इसके एवज में उन्‍हें 2 लाख 63 हजार रुपये कमीशन मिल चुका है। ग्रामीण इलाकों में दो हजार रुपये से कम बिजली बिल पर 20 रुपये का कमीशन मिलता है। वहीं अगर बिल 2 हजार से ऊपर का हुआ तो एक प्रतिशत कमीशन बनता है।

मिली एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी
पूनम बताती हैं कि बिजली सखी के रूप में काम करके, वह अपने परिवार को एक अच्छी जिंदगी देने और एक समर्थ बनने में सक्षम हुई हूं। इसने मुझे पहचान, पहचान और सम्मान हासिल करने में भी मदद की है। पूनम ने कहा स्वयं सहायता समूहों की महिला कार्यकर्ता भी मीटर रीडिंग के काम में भी शामिल हैं।

क्या है बिजली सखियों का मकसद?
वर्तमान में, राज्य में 9,288 ‘बिजली सखियां’ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, बिजली सखी को 2,000 रुपये तक के प्रत्येक बिल पर 20 रुपये और 2,000 रुपये से ऊपर के बिल संग्रह पर 1% का कमीशन दिया जाता है। शहरी क्षेत्रों में, 3,000 रुपये तक के प्रत्येक बिल पर 12 रुपये और 3,000 रुपये से अधिक के बिल पर 0. 4% कमीशन के रूप में भुगतान किया जाता है

यूपीपीसीएल ने साइन किया बान्ड
इस पहल ने ग्रामीण महिलाओं को 6,000 रुपये से 8,000 रुपये की औसत मासिक आय अर्जित करने में सक्षम बनाया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने राज्य के सभी जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, ताकि एसएचजी उपभोक्ताओं से उनके दरवाजे पर बिल भुगतान इकठ्ठा कर सकें।