आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले के बेंदापुडी गांव में एक सरकारी स्कूल चर्चा में हैं। यहां के स्टूडेंट्स अमेरिकन एक्सेंट में फर्राटेदार इंग्लिश बोलते हैं। पिछले दिनों यहां के स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग झेलनी पड़ी थी लेकिन इससे उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ। पढ़िए यह रिपोर्ट-
अमरावती:स्टार्च पर्पल यूनिफॉर्म और बैंगनी रिबन के साथ दो लंबी चोटी में मेघना आंध्र प्रदेश के काकीनाडा जिले की किसी सरकारी स्कूल की साधारण स्टूडेंट लगती हैं। लेकिन जिस पल वह कैमरे पर अपनी अंग्रेजी टेस्ट करने के लिए बोलती हैं- हाय गाइज… यह देखकर हैरानी होती है कि वह बोस्टन से हैं या बेंडापुडी से?
बेंदापुडी के सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स की अमेरिकन एक्सेंट में इंग्लिश बोलने के तरीके पर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया गया था लेकिन बावजूद इसके छात्रों ने अपना हौसला नहीं खोया। वह आत्मविश्वास से भरपूर होकर अमेरिकन इंग्लिश में बात करते हैं और दुनियाभर से उन्हें प्रोत्साहन मिल रहा है।
‘दिज इज मेघना, स्टूडेंट ऑफ टेंथ (10th) क्लास फ्रॉम जेडपीएचएस (जिला परिषद हाई स्कूल) बेंदापुडी।’ बेंदापुडी आंध्र के काकीनाडा जिले स्थित अन्नावरम में एक छोटा सा गांव है। कुछ समय पहले तक यहां के सरकारी स्कूलों में सिर्फ तेलुगू में ही पढ़ाई होती थी। तो अचानक से यहां के स्टूडेंट्स अमेरिकन एक्सेंट में कैसे बात करने लगे, यह सवाल सभी के मन में हैं।
दूसरे स्कूलों के लिए रोल मॉडल
दरअसल यह संयोग भर था। सरकारी स्कूल के इंग्लिश टीचर गंता वीर प्रसाद अपना नया डिजिटल माइक्रोफोन टेस्ट करना चाहते थे। उन्होंने कुछ रिकॉर्डिंग बनाईं जो स्कूल ग्रुप के जरिए ऑनलाइन पोस्ट हो गईं और तेजी से वायरल होने लगीं। इसके बाद प्रसाद और उनके कुछ छात्रों को आईएएस अधिकारियों के समूह से बातचीत के लिए बुलाया गया
इससे पहले वे मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के मुखातिब हो चुके थे। इसके बाद अलग-अलग देशों के प्रतिनिधियों ने भी छात्रों से बात की। अमेरिकी दूतावास के डोनाल्ड एल हेफलिन ने अगस्त में बच्चों से ऑनलाइन माध्यम से बातचीत की और अब बेंदापुडी आंध्र प्रदेश के दूसरे स्कूलों के लिए रोल मॉडल बन गया है। यहां तक कि दूसरे प्राइवेट स्कूलों के कुछ छात्रों ने बेंदापुडी सरकारी स्कूल में दाखिला ले लिया है।
इंग्लिश टीचर का एक्सपेरिमेंट हुआ हिट
प्रसाद जिन्होंने खुद तेलुगू माध्यम में पढ़ाई की, वह जानते हैं कि उनके छात्रों की जरूरत क्या है। वह कहते हैं, ‘तेलुगू माध्यम से पढ़ाई के बाद मुझे एक प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा 2 के बच्चों को पढ़ाने के लिए जॉब ऑफर आया।’ प्रसाद बताते हैं, ‘कुछ सालों के अंदर मैंने स्कूल की पूरी टीचिंग फ्रैटरनिटी को इंग्लिश ग्रामर पढ़ाई। एक तेलुगू मीडियम छात्र होने के नाते, मैं मातृभाषा में छात्रों की ताकत और इंग्लिश बोलने में झिझक को समझ सकता हूं। इसलिए मैंने छात्रों की जरूरत के हिसाब से अपनी रेग्युलर इंग्लिश क्लास को मॉडिफाइ किया।’
इंग्लिश टीचर प्रसाद की टीचिंग टेक्नीक में स्टूडेंट्स से उनके पाठ्य-पुस्तक में शामिल कैरेक्टर का अभिनय कराने से लेकर उन्हें वर्ड चेन गेम खिलाना शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने अमेरिकन इंग्लिश ट्रेनर जैसे Keenyn Rhodes, Gabby Wallace और Vanessa के ऑनलाइन वीडियो दिखाए। प्रसाद कहते हैं कि ‘मैं इस पर लगातार कोशिश कर रहा हूं कि मेरे स्टूडेंट्स अमेरिकन इंग्लिश में बात करें।’
34 स्कूलों में इंग्लिश मॉडल लागू
लेकिन अमेरिकन एक्सेंट ही क्यों? इस पर प्रसाद कहते हैं कि हर कोई अमेरिकन की तरह इंग्लिश में बात करना चाहता है। वह कहते हैं, ‘इंग्लिश बोलने वाले दूसरे देशों के नागरिक भी अमेरिकन एक्सेंट में परफेक्ट होना चाहते हैं। समस्या यह है कि एक अमेरिकी राज्य से दूसरे राज्य के इंग्लिश एक्सेंट में बदलाव आ जाता है। मुझे लगता है कि टॉम क्रूज (हॉलिवुड ऐक्टर) ही स्टैंडर्ड अमेरिकन इंग्लिश में बात करते हैं।’
प्रसाद के बेंदापुडी एक्सपेरिमेंट को काफी सराहना मिल रही है। सीएम जगन रेड्डी से मुलाकात के बाद उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अपने टीचिंग मॉडल की रिपोर्ट भेजी। अब उनका इंग्लिश प्रोजेक्ट दूसरे स्कूलों में भी अपनाया जा रहा है। टुनी निर्वाचन क्षेत्र के तीन मंडल के 34 स्कूलों में प्रसाद का इंग्लिश मॉडल लागू हो गया है।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार
काकीनाडा जिले के अधिकारियों ने प्रसाद से अगले चरण में सभी शहरी और ग्रामीण मंडल के स्कूलों में अपना मॉडल बताने को कहा है। एक ओर बेंदापुडी के सरकारी स्कूल के छात्र अपने एक्सेंट पर मेहनत कर रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल करके निशाना बनाया जा रहा है। कुछ लोगों ने इंग्लिश बोलने वाली छात्राओं के वीडियो को तेलुगू फिल्मों की क्लिप से मिक्स करके उनके छोटे गांव में रहने और ऐसी फर्राटेदार इंग्लिश बोलने का मजाक उड़ाया है।
अपना मजाक बनते देख छात्रों को थोड़ी निराशा जरूर हुई लेकिन वे हतोत्साहित बिल्कुल नहीं हुए हैं। मेघना कहती हैं, ‘हमारे इंग्लिश टीचर ने हमें जो कॉन्फिडेंस दिया वो सबसे अलग बनाता है। मुझे मेरी अमेरिकन एक्सेंट इंग्लिश के लिए सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया लेकिन मेरे परिवार और इंग्लिश टीचर की मदद से मैं इससे बाहर आ सकी।
लोकल सिलेब्रिटी बन गए हैं प्रसाद
कक्षा 7 के छात्र पत्ता जतिन कहते हैं, ‘अब हम किसी के भी सामने इंग्लिश बोलने से नहीं डरते। हम किसी बड़े समूह के आगे भी इंग्लिश में बात कर सकते हैं।’ जतिन एक सरकारी डिग्री कॉलेज के लेक्चरर के बेटे हैं। उन्होंने एक स्टूडेंट का वीडियो देखकर अपने पैरंट्स से बेंदापुडी स्कूल में दाखिला दिलाने का आग्रह किया।
अमेरिकन एक्सेंट के साथ ही बेंदापुडी गांव का नाम भी रोशन हो गया है। बेंदापुडी के पूर्व उपाध्यक्ष बूसला श्रीनिवास राव कहते हैं, ‘हम जहां कहीं भी जाते हैं हमारे रिश्तेदार और मित्र हमसे इन अमेरिकन इंग्लिश बोलने वाले बच्चों के बारे में पूछते हैं और प्रसाद तो अब लोकल सिलेब्रिटी बन गए हैं।’