Modern Village of UP: संतकबीर नगर के इस गांव में सान 1947 में एक मर्डर की वजह से करीब 12 लोग जेल गए थे। इससे गांव का नाम खराब हो गया था, लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
संतकबीर नगर: वैसे तो आमतौर पर गांव पिछडे़पन की तस्वीर दिखाई देते हैं लेकिन यूपी के संतकबीर नगर जिले में एक ऐसा गांव है जो इससे उलट है। यहां औसतन हर घर में एक शख्स सरकारी नौकरी में है। यह है मेंहदावल कस्बे का एकला शुक्ल गांव। यह गांव बहुत बड़ा नहीं है, महज 250 की आबादी है लेकिन इस गांव ने कई आईएएस, पीसीएस अफसरों के अलावा टीचर और वैज्ञानिक भी दिए हैं।
इतना ही नहीं गांव के लोगों में जो सरकारी नौकरियों में नहीं हैं उनमें से बहुत से प्राइवेट कंपनियों में काम कर रहे हैं। यह केवल आंकड़ेबाजी नहीं है इसकी झलक गांव में फैली समृद्धि में दिखाई देती है। गांववालों की इस उपलब्धि के पीछे यहां के किशोरों और बच्चों में शिक्षा को लेकर जागरूकता जिम्मेदार है।
30 साल पहले बदला माहौल
बताया जाता है कि लगभग 30 साल पहले यह गांव भी दूसरे गांवों की तरह बदहाल था लेकिन उसके बाद यहां के बच्चों ने धीरे-धीरे शिक्षा पर ध्यान देना शुरू कर दिया। बच्चों में एक दूसरे को देखकर प्रतियोगिता शुरू हुई। इसका परिणाम यह रहा कि यहां के युवा सरकारी नौकरियों में चुने जाने लगे।
गांव था बदनाम, युवाओं ने बदली छवि
बच्चों और युवाओं के इस सकारात्मक नजरिए को गांवों के बुजुर्गों का भी खूब प्रोत्साहन मिला है। वे भी बच्चों को सकारात्मक प्रतियोगिता करने की सलाह देने लगे। गांव के बुजुर्ग बताते हें कि सन 197 में गांव में खेती के विवाद में एक शख्स की हत्या हो गई थी। इसमें गांव के ही एक दर्जन लोग जेल चले गए थे। इसके बाद से गांव की छवि खराब हो गई थी। लेकिन धीरे-धीरे युवाओं ने अपनी मेहनत के दम पर गांव का नाम रोशन किया है।