Indian Railways से सामान ढोना होगा महंगा, अक्टूबर से बिजी सीजन सरचार्ज लगेगा, जानिए कितना बढ़ेगा बोझ

भारतीय रेल का फ्रेट रेवेन्यू अगस्त में बढ़कर ₹13000 करोड़ के करीब पहुंच गया था, 1 साल पहले की अवधि में यह करीब ₹11000 करोड़ था.

railways (1)

1 अक्टूबर से बिजी सीजन सरचार्ज के रूप में गुड्स ट्रेफिक पर 15 फीसदी का अतिरिक्त किराया लगाया जाएगा

नई दिल्ली: इंडियन रेलवे 3 साल के अंतराल के बाद 1 अक्टूबर से बिजी सीजन सरचार्ज लगाने जा रही है. 1 अक्टूबर से बिजी सीजन सरचार्ज के रूप में गुड्स ट्रेफिक पर 15 फीसदी का अतिरिक्त किराया लगाया जाएगा. कोयला और कोक के अलावा यह सभी कमोडिटीज के ट्रांसपोर्टेशन पर लगाया जाएगा. खास तरह के वैगन में चलने वाले कंटेनर और ऑटोमोबाइल भी इस सर चार्ज से बचे रहेंगे.

भारतीय रेल के मुताबिक 1 अक्टूबर से फर्टिलाइजर, सीमेंट और अनाज ढोने पर यह सरचार्ज चुकाना होगा. इससे इन चीजों के भाव में वृद्धि होने की आशंका है. 1 अक्टूबर से 30 जून तक इंडियन रेलवे बिजी सीजन सर चार्ज लगाती है, कुछ चीजों को इससे छूट दी जाती है.

पिछली बार 1 अक्टूबर 2019 से यह वापस ले लिया गया था. पिछले 3 साल से हालांकि लौह अयस्क, पैट्रोलियम, ऑयल और लुब्रिकेंट पर यह सरचार्ज लग रहा था. रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक साल 2019 में आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ने की वजह से बिजी सीजन सरचार्ज वापस ले लिया गया था.

मार्च 2018 में बिजी सीजन सरचार्ज को 12 से बढ़ाकर 15 फ़ीसदी कर दिया गया था. सरचार्ज को हटाए जाने के बाद भारतीय रेल के माल भाड़े में काफी तेजी देखने को मिली थी. इस महीने की शुरुआत में रेलवे ने कहा था कि अगस्त तक उसने लगातार 2 साल तक रिकॉर्ड माल ढुलाई की है. भारतीय रेल का फ्रेट रेवेन्यू अगस्त में बढ़कर ₹13000 करोड़ के करीब पहुंच गया था, 1 साल पहले की अवधि में यह करीब ₹11000 करोड़ था.

रेलवे बोर्ड के पूर्व मेंबर बीएन माथुर ने कहा, “इंडियन रेलवे को यात्री टिकट की बिक्री से काफी नुकसान होता है. फेस्टिव सीजन में यात्री टिकट की बिक्री बढ़ जाने की वजह से रेलवे के वित्त पर काफी असर पड़ता है. अब रेलवे अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए माल ढोने के किराए में वृद्धि कर नुकसान को पाटने की कोशिश कर रहा है.”