गोरखपुर: डॉन श्रीप्रकाश से भी बड़ा इनामी है राघवेंद्र, फिर भी पुलिस के हाथ खाली

गैंगस्टर राघवेंद्र यादव व माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला।

गोरखपुर जिले के झंगहा के एक परिवार के चार लोगों की हत्या का आरोपी व गैंगस्टर राघवेंद्र यादव पर ढाई लाख रुपये का इनाम है। डॉन श्रीप्रकाश से बढ़ा इनामी होने के बाद भी पुलिस उसे दबोच नहीं पाई। 20 मई 2021 को यूपी के पुलिस महानिदेशक ने ढाई लाख का इनाम घोषित किया था, इसके बाद पुलिस ने जोन के सभी थाने, चौकी पर राघवेंद्र यादव की फोटो लगा दी, लेकिन इसके बाद पुलिस भूल गई। राघवेंद्र के न पकड़े जाने की वजह से पीड़ित परिवार आज भी दहशत में रहता है।

जानकारी के मुताबिक, इनाम के हिसाब से राघवेंद्र गोरखपुर जोन का सबसे बड़ा बदमाश है। इससे ज्यादा इनाम 90 की दशक में अपराध से दहशत फैलाने वाले माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला पर भी नहीं था। श्रीप्रकाश शुक्ला पर दो लाख रुपये तक ही इनाम था।

राघवेंद्र 10 अप्रैल 2018 को रिटायर दारोगा जयहिंद यादव और उनके बेटे की गोली मारकर हत्या करने के आरोपों से घिरने के बाद से ही फरार है। राघवेंद्र यादव जोन का अब तक का एकमात्र अपराधी है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए ढाई लाख रुपये का पुरस्कार घोषित है। इसे एडीजी की सिफारिश पर डीजीपी ने घोषित किया है।

बदमाश राघवेंद्र यादव

7 जनवरी 2016 को की थी चाचा-भतीजे की हत्या
राघवेंद्र यादव ने अपने गांव सुगहा में 7 जनवरी 2016 को दिनदहाड़े बलवंत (50) और उनके भतीजे कौशल (20) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मुकदमे में राघवेंद्र के साथ ही रामलखन को भी आरोपी बनाया गया था।

2018 में रिटायर्ड दारोगा और उनके बेटे की हत्या की
2016 में बलवंत और कौशल की हत्या का केस कोर्ट में ट्रायल पर था। इसी मुकदमे की पैरवी कर लौट रहे रिटायर्ड दारोगा व कौशल के पिता जयहिंद यादव और उनके छोटे बेटे नागेंद्र यादव की गांव के पास ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को लेकर पुलिस पर कई सवाल भी उठे थे। इसे लेकर जमकर आगजनी और बवाल भी हुआ था।

सांकेतिक तस्वीर।

खोज रही थी पुलिस, हत्या कर हो गया था फरार
राघवेंद्र ने जब पहले दो लोगों की हत्या की थी, उस समय वह फरार चल रहा था। पुलिस तलाश रही थी, लेकिन पकड़ नहीं पाई।  इस बीच गांव आकर राघवेंद्र ने दोबारा दुस्साहसिक घटना को अंजाम दिया। सरेराह ही रिटायर्ड दरोगा व उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। यही वजह थी कि पुलिस-प्रशासन को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा था।

परिवार को लाइसेंस और सुरक्षा दी गई थी
चाचा-भतीजे के हत्या के बाद रिटायर्ड दारोगा व उनके परिवार को सुरक्षा दी गई थी। रिटायर्ड दारोगा के सबसे छोटे बेटे राममिलन को शस्त्र लाइसेंस भी दिया था। इसके बाद भी आरोपी घटना को अंजाम देने में कामयाब हो गया। पुलिस के मुताबिक अब भी परिवार के पास सुरक्षा मौजूद है। छोटे बेटे राममिलन व उनके परिवार की सुरक्षा सतर्कता के साथ की जा रही है।

बदमाश राघवेंद्र यादव।

आखिरी बार कोलकाता में देखा गया था राघवेंद्र
राघवेंद्र को आखिरी बार कोलकाता में 2018 में ही देखा गया था। बताया जा रहा है कि उसने फर्जी पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था और उसी की मदद से बैंकाक चला गया लेकिन इसकी पुष्टि पुलिस नहीं कर पाई थी। आरोप लगने पर तत्कालीन चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई भी की गई थी।

झंगहा थाने में दर्ज हैं पांच मुकदमे
राघवेंद्र यादव पर झंगहा थाने में पांच मुकदमे दर्ज हैं। 2016 में मारपीट, बलवा, हत्या, हत्या की कोशिश और आपराधिक साजिश का केस हुआ। 2018 में मारपीट, हत्या और धमकी का केस। फिर 2018 में ही धमकी देने का केस। 2019 में पुलिस ने गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की। 2021 में अदालती सम्मन पर उपस्थित ना होने का केस दर्ज किया गया।

डीआईजी जे. रविंद्र गौड़

इन नंबरों पर दें सकते गोपनीय सूचना
अपराधी के संबंध में कोई भी सूचना थानाध्यक्ष झंगहा के मोबाइल नंबर 9454403514, क्षेत्राधिकारी चौरीचौरा के मोबाइल नंबर 94 54401416, पुलिस अधीक्षक उत्तरी के मोबाइल नंबर 9454400452 या वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के मोबाइल नंबर 9454400273 पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम, पता गोपनीय रखा जाएगा।

डीआईजी जे रविंद्र गौड़ ने कहा कि इनामी बदमाश की गिरफ्तारी के लिए एक बार फिर पुलिस टीम को निर्देशित किया जाएगा। पीड़ित परिवार की सुरक्षा में पुलिस लगी है, आरोपी की गिरफ्तारी कर पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी।