देश में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की स्थिति में सुधार करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं को चला रही हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। इस स्कीम का नाम जननी सुरक्षा योजना है। देश में प्रसव के दौरान कई महिलाओं की जान चली जाती है। ऐसे में इस योजना के तहत प्रसव के दौरान महिलाओं की होने वाली मृत्यु के आंकड़ों को कम करना है। योजना के तहत सरकार द्वारा प्रसव के दौरान महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है। इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को दिया जा रहा है, जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने महिलाओं को दो श्रेणियों में बांटा है। इन दोनों श्रेणियों के आधार पर ही महिलाओं को वित्तीय सहायता दी जाती है। आइए जानते हैं इस स्कीम के बारे में विस्तार से –
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सरकार 1400 रुपये की वित्तीय सहायता देती है। वहीं आशा सहयोगी को प्रसव के प्रोत्साहन के लिए सरकार 300 रुपये देती है। इसके अलावा उन्हें प्रसव के बाद सेवा देने के लिए भी 300 रुपये दिए जाते हैं।
वहीं शहरी क्षेत्र में रहने वाली गरीब महिलाओं को सरकार प्रसव के दौरान 1 हजार रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसके अलावा प्रसव के प्रोत्साहन के लिए आशा सहयोगी को 200 रुपये और प्रसव के बाद सेवा देने के लिए 200 रुपये अलग से सरकार दे रही है।
भारत सरकार की इस योजना का लाभ पाकर प्रसव के बाद महिलाएं अपने नवजात शिशुओं की अच्छे से देखभाल कर सकती हैं। अगर महिलाएं अपना प्रसव किसी सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में कराती हैं, तो वो इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
योजना के तहत सरकार पात्र लाभार्थी के खाते में सीधे पैसों को ट्रांसफर करती है। ऐसे में योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती महिलाओं के पास बैंक अकाउंट का होना जरूरी है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य प्रसव के दौरान महिलाओं को चिकित्सा और आर्थिक सहायता प्रदान करना है।