दिल्‍ली में शराब की सरकारी प्रीमियम दुकानें खुलना शुरू, मयूर विहार के पहले स्‍टोर की झलक देखिए

Delhi Liquor News: DCCWS ने मयूर विहार फेज-1 के गैलेरिया मॉल में शराब की पहली प्रीमियम दुकान खोली है। दिल्‍ली में ऐसी कम से कम 30 दुकानें खोलने का प्‍लान है।

Mayur Bihar Premium Liquor Shop_MAin
दिल्‍ली में शराब की पहली प्रीमियम दुकान

नई दिल्ली: दिल्ली में शराब की सरकारी प्रीमियम दुकानें खुलना शुरू हो गई हैं। 1 सितंबर से शुरू हुई पुरानी आबकारी नीति के तहत मयूर विहार फेज-1 के गैलेरिया मॉल में यह पहली दुकान शुरू हो गई है। इसे कॉरपोरेशन DCCWS द्वारा खोला गया है। अभी इसके इंटीरियर पर कुछ काम किया जा रहा है, लेकिन यहां से ग्राहकों के लिए बिक्री शुरू कर दी गई है। बताया जाता है कि अब दिल्ली में शराब की प्रीमियम दुकानों को खोलने के लिए और बढ़ावा दिया जाएगा। ऐसा फैसला लोगों के मिल रहे फीडबैक के बाद लिया गया है। जिसमें लोगों का कहना है कि उन्हें शराब की ऐसी बड़ी दुकानें चाहिए। जहां वह खुद अपनी पसंद के ब्रैंड चुनकर शराब खरीद सकें। वहां एसी लगे हों और दुकान का स्टाफ भी कस्टमर्स से अच्छे से बर्ताव करे। इसी बात को सोचते हुए अब दिल्ली में कम से कम शराब की 30 प्रीमियम दुकानें खोली जाएंगी, जो पहले 20 के आसपास खोलने का प्लान था। इनकी संख्या 50 से अधिक भी हो सकती है।

आबकारी विभाग के सूत्रों का कहना है कि मयूर विहार में खोली गई इस प्रीमियम शॉप पर ग्राहकों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। प्रीमियम दुकानों में स्पेस कम से कम एक हजार वर्ग फुट रखा गया है, ताकि ग्राहक बड़ी दुकान में अंदर जाकर अपनी पसंद की शराब खरीद सकें। इस मॉल में इससे पहले भी शराब की काफी दुकानें थी। जिनकी अच्छी सेल थी। इसी बात को देखते हुए अब फिर से यहां अधिक से अधिक शराब की सरकारी दुकानें खोलने की योजना बनाई गई है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में जल्द ही अन्य इलाकों में भी प्रीमियम शॉप खुलेंगी। कम से कम 10 दुकानों पर काम और चल रहा है। जो इस महीने के अंत तक खुल सकती हैं। इनमें यमुनापार के अलावा साउथ दिल्ली और अन्य इलाकों में भी यह दुकानें खुलना शुरू हो रही हैं।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में अभी तक शराब की करीब 400 सरकारी दुकानें खुल चुकी हैं। इनमें लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है। दुकानों से 500 से अधिक शराब के ब्रैंड रजिस्टर्ड हो चुके हैं। कई ब्रैंड की शराब जो पहले नहीं मिल रही थीं, अब मिलने शुरू हो गए हैं।