जीपीएस सिस्टम व टैक्सी परमिट मामले में राहत दें सरकार

कुल्लू : हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार के द्वारा टैक्सी ऑपरेटर को आश्वासन दिया गया था कि सभी टैक्सों के परमिट को 12 साल की बजाय अब 15 साल कर दिया जाएगा। लेकिन अभी तक इस दिशा में सरकार के द्वारा कोई काम नहीं किया गया है। इसके अलावा जीपीएस सिस्टम के मामले में भी प्रदेश सरकार टैक्सी चालकों को राहत दें। इन मुद्दों को लेकर कुल्लू में टैक्सी ऑपरेटरों ने शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के साथ मुलाकात की। टैक्सी आपरेटरों ने शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया कि पहले ही 15 हजार रुपये की कीमत वाला जीपीएस सिस्टम अपनी टैक्सी में लगा चुके हैं ।लेकिन अब वह कंपनी फरार हो गई है। ऐसे में सरकार नया फरमान जारी कर रही है कि वे अब दोबारा से नया जीपीएस सिस्टम अपनी टैक्सी में लगाएं। जिससे टैक्सी चालक आर्थिक रूप से भी काफी परेशान होंगे। कुल्लू टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के प्रधान राजेश ठाकुर ने बताया कि इसमें टैक्सी चालकों की कोई गलती नहीं है जबकि जीपीएस सिस्टम लगाकर फरार होने वाली प्रदेश सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। टैक्सी चालक पहले ही काफी परेशान है और बार-बार इस तरह से आर्थिक नुकसान उठाना टैक्सी चालकों के बस से बाहर है।

राजेश ने बताया कि केंद्र सरकार ने भी कई राज्यों में टैक्सी का परमिट 12 साल से बढ़ाकर 15 साल तक कर दिया गया है लेकिन हिमाचल में अभी तक यह नियम लागू नहीं हो पाया है। ठाकुर का कहना है कि यहां कई ऐसे वाहन हैं जो 18 से 20 साल पुरानी है और कई ऑटो 20 से 25 साल पुराने हैं जो परमिट पर चल रहे हैं। लेकिन  शायद टैक्सियों के लिए ही यह नियम बना है कि उनका परमिट 12 साल तक की दिया जा रहा है। राजेश ठाकुर ने कहा कि अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और टैक्सी चालकों को अगर सरकार के द्वारा इसी तरह तंग किया जाता रहा। तो आने वाले समय में प्रदेश सरकार को भी इसके गंभीर परिणाम भुगतने हों। ऐसे में प्रदेश सरकार से आग्रह है कि वह टैक्सियों का परमिट 12 साल से बढ़ाकर 15 साल करें और जीपीएस सिस्टम मामले में भी टैक्सी चालकों के हक में ही फैसला दें।