पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि अगर सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की भर्तियों में कोई अनियमितता हुई है तो सरकार एफआईआर दर्ज कर उसकी जांच करे। लेकिन अनियमितताओं का हवाला देकर यूनिवर्सिटी को बंद करने की साजिश रचना बंद करे। यह बात जयराम ठाकुर ने सोमवार को मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही।
जयराम ठाकुर ने कहा कि मैरिट के आधार पर यदि किसी एबीवीपी के पूर्व में कार्यकर्ता रहे व्यक्ति को नौकरी मिली है तो इसमें अनियमितता किस बात की। क्या ऐसा प्रावधान है कि किसी दल विशेष के साथ जुड़े व्यक्ति को नौकरी नहीं दी जा सकती। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि मंडी जिला से कांग्रेस के चुने गए इकलौते विधायक आज अपने ही जिला में खुली यूनिवर्सिटी को बंद करने की साजिश रच रहे हैं जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने सरदार पटेल यूनिवर्सिटी में तैनात सारे स्टाफ को वापिस शिमला बुला लिया है। आज यह यूनिवर्सिटी पूरी तरह से हैडलैस कर दी गई है। आने वाली 17 तारीख से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं। ऐसे में 5 जिलों के 126 कॉलेजों के 35 हजार से अधिक बच्चों का भविष्य अधर में लटक सकता है। सरकार को चाहिए कि यहां पर स्टाफ की तैनाती की जाए ताकि बच्चों के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ न हो।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता परिवर्तन के बाद मंडी जिला के लोगों को यह उम्मीद थी कि कांग्रेस की सरकार यूनिवर्सिटी के कार्य को आगे बढ़ाएगी। पूर्व सरकार में इसके लिए जमीन तक चिन्हित कर ली गई थी, लेकिन मौजूदा सरकार इस यूनिवर्सिटी का गला घोंटने पर तुली हुई है। मंडी के लोग इस बात को कतई बर्दाशत नहीं करेंगे और यदि यही रवैया रहा तो फिर आने वाले समय में सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।