आंगनवाड़ी वर्करों को प्री प्राईमरी टीचर भर्ती करे सरकार-सोनिका

आंगनवाड़ी वर्करों को प्री प्राईमरी टीचर भर्ती करे सरकार-सोनिका

आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन सम्बन्धित सीटू गोपालपुर प्रोजेक्ट कमेटी ने हिमाचल प्रदेश में प्री प्राइमरी टीचर भर्ती करने की मांग को लेकर तहसीलदार ब्लदवाड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा।जिसका नेतृत्व यूनियन की प्रोजेक्ट कमेटी की अध्यक्षा सोनिका शर्मा महासचिव क्षमा वर्मा,शीला, सुनीता, सूनेहरु,निर्मला, रेखा, सुमना, दीपा, नीलम, कमला, निशा, सुरेशां, सुमति आदि ने किया।सीटू ज़िला कमेटी सदस्य दिनेश काकू और मान सिंह गारला भी इस अवसर पर मौजूद रहे।उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राईमरी भर्ती से बाहर करने के प्रदेश सरकार के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। यूनियन ने इसके विरोध में आज प्रदेशव्यापी विरोध दिवस मनाने का फ़ैसला लिया है। यूनियन पदाधिकारियों ने इस अवसर पर बताया की प्री प्राइमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के फ़ैसले को प्रदेश सरकार का आंगनबाड़ी व आईसीडीएस विरोधी फ़ैसला बताया है। यूनियन इसके खिलाफ आने वाले समय मे उग्र आंदोलन करेगी व सरकार के आंगनबाड़ी विरोधी चेहरे को जनता में बेनकाब करेगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार अपने फैसले को वापिस ले व आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति दे। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि ये प्रशिक्षित कर्मी हैं और ये कर्मी पहले से ही अर्ली चाइल्डहुड केअर एंड एजुकेशन(ईसीसीई) के तहत 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। इसलिये नई शिक्षा नीति के तहत इन्हीं प्रशिक्षित कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति दी जाए। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि पिछले दो वर्षों से प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति की बात करती रही है व अब अपनी ही बात से यू टर्न ले रही है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने प्री प्राइमरी में आंगनबाड़ी कर्मियों को 30 प्रतिशत कोटा देने की बात की थी जिस से भी अब सरकार मुकर गई है। उन्होंने सरकार के इस कदम को आंगनबाड़ी कर्मी विरोधी करार दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उसने आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में नियुक्ति न दी तो आंदोलन तेज होगा और इसका खामियाजा आगामी विधानसभा चुनावों में भी भुगतना पड़ेगा।