प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए जारी की गई नई आबकारी नीति ने बार एंड रेस्टोरेंट संचालकों के होश उड़ा दिए हैं। संघ ने कहा कि अगर सरकार ने इस पर पुनर्विचार न किया तो प्रदेश भर के बार एंड रेस्टोरेंट संचालक ताले लगाकर इसकी चाबियां मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। नई आबकारी नीति में बार एंड रेस्टोरेंट संचालन की फीस में सालाना 18 हजार रुपए की वृद्धि की गई है। पहले जहां यह फीस एक लाख 92 हजार रुपए थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर दो लाख 10 हजार रुपए कर दिया गया है। यही नहीं, कोरोना काल में शराब का कोटा न उठा सकने के चलते जुर्माना राशि को माफ करने की बजाय बार एंड रेस्टोरेंट संचालकों को हजारों रुपए जुर्माना भुगतान करना पड़ा है। इसके चलते बार एंड रेस्टोरेंट संचालक संघ ने भी आंखें तरेर ली हैं। बार एंड रेस्टोरेंट संघ ने प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति पर फिर से विचार करने की मांग की है।
राज्य बार एंड रेस्टोरेंट संघ के उपाध्यक्ष अनिल कुमार नीटू ने कहा कि बार एंड रेस्टोरेंट की सालाना फीस पहले ही सरकार द्वारा काफी बढ़ा दी गई थी। इसके विरोध में कई बार बार एंड रेस्टोरेंट संचालक मुख्यमंत्री से भी मिले थे। आश्वासन दिया गया था कि बार एंड रेस्टोरेंट संचालकों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा, लेकिन अब प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई नई आबकारी नीति में बार एंड रेस्टोरेंट की फीस में 18 हजार रुपए की वृद्धि कर इसे दो लाख 10 हजार रुपए कर दिया गया है, जो कि रोजाना करीब पौने छह सौ रुपए है। ऐसी स्थिति में बार संचालकों को ताले लगाने पर विवश होना होगा और बार की चाबियां मुख्यमंत्री को सौंप कर बार संचालक इसका विरोध करेंगे।