महंगाई पर सरकार का प्रहार! अब दाल आयात करने के बाद एक माह से ज्‍यादा अपने पास नहीं रख सकेंगे जमाखोर

नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महंगाई और जमाखोरी के खिलाफ एक्शन में नजर आ रही है. केंद्र सरकार ने भरोसा दिलाया है कि फेस्टिव सीजन में दाल और प्याज की कीमतें नहीं बढ़ेंगी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि देश में इनका पर्याप्त भंडार मौजूद है. केंद्र सरकार कीमतों की स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को लेकर सिंह ने बताया कि कोई भी व्‍यापारी विदेश से मंगाई दालों को एक महीने से ज्यादा वक्त तक अपने पास होल्ड नहीं कर सकता है. सरकार का कहना है कि दाल आयातकों को सीमा शुल्क के आधार पर निजी गोदामों में जमाखोरी की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए गाइडलाइंस जारी
सरकार ने ये गाइडलाइंस दालों की कीमतों पर काबू पाने के लिए जारी किए हैं. माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही आयातकों के लिए नई गाइडलाइंस भी जारी कर सकती है. इसके तहत बाजारों में आयात हुई दालों को 1 महीने के भीतर ही बाजार में भेजना होगा. सिंह ने कहा कि उनके विभाग की खाद्य तेल, दाल, चाय, चीनी सहित 22 आवश्यक चीजों के दामों पर नजर है. आवश्यक वस्तुओं की स्थिति पर मंत्रालय निगरानी रखता है.

बढ़ती कीमतों के खिलाफ लगातार कदम उठा रही सरकार
रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार दाल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ लगातार कदम उठा रही है. इसके तहत ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से आयात की गईं मसूर और तूर दालों को कोई आयातक एक महीने से ज्यादा वक्त तक अपने पास होल्ड या उसकी जमाखोरी नहीं कर सकता है.

राज्यों को 8 रुपये प्रति केजी दाल मुहैया कराने के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि सरकार के पास अभी भी दालों का 43 लाख टन का बफर भंडार मौजूद है. केंद्र, राज्यों को मिडडे मिल और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए दाल खरीदने के लिए कह रहा है. केंद्र सरकार, राज्यों को 8 रुपये प्रति केजी दाल मुहैया कराने के लिए तैयार है. अभी तक राज्यों को 8800 टन दाल  सौंपी जा चुकी है.”