छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि पुस्तकें सच्ची मित्र और मार्गदर्शक होती हैं। इनका ज्ञान कभी गलत राह नहीं बताता।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बलदेयां का दौरा किया। उन्होंने 9वीं कक्षा के 41 छात्र-छात्राओं के साथ करीब 45 मिनट खुलकर बातचीत की। इस दौरान विद्यार्थियों को महापुरुषों के जीवन संघर्ष और सफलताओं पर लिखीं पुस्तकें बांटी। उन्होंने छात्रों से इन पुस्तकों को पढ़ने के बाद 18 जून तक राजभवन के पते पर चिट्ठी लिखकर फीडबैक देने को भी कहा।
राज्यपाल ने कहा कि उन्हें लिखकर बताना है कि पुस्तक में उन्हें क्या अच्छा लगा। राज्यपाल ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि बच्चे किताबों को पढ़ेंगे, चूंकि बच्चे हमेशा सच्चे होते है। कक्षा में भाषा अध्यापक डॉ. देशराज मौजूद थे। छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे उन्हें पुस्तकों को पढ़ने की आदत पड़ेगी। पुस्तकें सच्ची मित्र और मार्गदर्शक होती हैं। इनका ज्ञान कभी गलत राह नहीं बताता। उन्होंने कहा कि आप मेले में, बाजार में जाते हैं, खिलौने , मिठाई लेते हैं, इस बार अपने माता-पिता से अच्छी किताब लेने की मांग करें।
राज्यपाल ने इस दौरान छात्रों से पूछा कि उनके घर पर कौन सी किताबें है, इस पर छात्रा उर्वशी ने कहा कि उनके घर पर गीता है, इस पर राज्यपाल ने पूछा कि उसे पढ़ा आपने, तो छात्रा ने कहा कि नहीं, माता-पिता पढ़ते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि आप सभी को अच्छी, ज्ञानवर्धक, प्रेरणा देने वाली किताबें पढ़नी चाहिए। इसकी आदत डालनी चाहिए। कक्षा में किए सांवाद में 9वीं कक्षा के छात्र नीतीश, पंकज, मधु, रेखा , तृषा सहित अन्य छात्र-छात्राओं ने भी राज्यपाल के सवालों के जवाब दिए। विद्याथियों ने कहा कि वे पाठ्यक्रम के अलावा राज्यपाल के कहे अनुसार किताबें पढ़ेंगे, किताबों को अपना सच्चा मित्र बनाएंगे।
नई शिक्षा नीति पर मंथन किया
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बलदेयां स्कूल में चिनार का पौधा लगाया और स्टाफ के साथ अलग से बैठक कर स्कूल के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रधानाचार्य धर्मपाल जिस्टू और स्टाफ के सदस्यों के साथ नई शिक्षा नीति पर चर्चा की।