Grammy 2023: कौन हैं Ricky Kej जिन्होंने 3 बार Grammy जीतकर हमें गर्व महसूस करने की वजह दी

64वें वार्षिक ग्रैमी अवॉर्ड्स (64th Annual Grammy Awards) का आयोजन क्रिप्टो डॉट कॉम एरेना (Crypto.com Arena), लॉस एंजेलेस (Los Angeles) में किया गया. संगीत के दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड्स में से एक, ग्रैमी के स्टेज पर एक भारतीय ने पूरे देश को गर्व करने की वजह दी है. बेंगलुरु के कंपोज़र, रिकी केज ने तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया. इससे पहले 2015 में और 2022 में भी रिकी केज ने ग्रैमी जीता था.

Divine Tides के लिए मिला ग्रैमी

Grammy 2023 Ricky Kej wins third Grammy Twitter

रिकी केज को एल्बम Divine Tides एल्बम के लिए ये अवॉर्ड मिला. रिकी ने ये अवॉर्ड US म्यूज़िशियन स्टिवर्ट कोपलैंड के साथ शेयर किया. Divine Tides को Best Immersive Audio Album कैटेगरी में नोमिनेट किया गया था.

2022 में Divine Tides को Best New Age Album के लिए ग्रैमी मिला था. रिकी के एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ में 9 गाने और 8 वीडियोज़ हैं. इस एल्बम में दुनियाभर के कलाकार हैं.  हिमालय से लेकर स्पेन के जंगलों तक, इनमें दुनिया के कई ख़ूबसूरत स्थल दिए गए हैं.

रिकी केज को 2015 में अपने एल्बम, Winds of Samsara के लिए पहला ग्रैमी अवॉर्ड मिला था. ये एल्बम, महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला पर आधारित था. यही नहीं ये एल्बम अमेरिका के बिलबोर्ड न्यू एज एल्बम चार्ट पर पहले पायदान पर था. पहली बार किसी भारतीय ने ये मकाम हासिल किया था.

भारत को समर्पित किया अवार्ड

रिकी केज ने सोशल मीडिया पर कुछ बेहद खूबसूरत तस्वीरें शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड जीता है.  केज ने लिखा, ‘तीसरा ग्रैमी अवॉर्ड जीता. बहुत आभारी हूं, निशब्द हूं. ये अवॉर्ड इंडिया को समर्पित करता हूं.’

अनिल कुंबले, डॉ कफील खान, IFS परवीन कास्वान समेत कई लोगों ने रिकी केज को सोशल मीडिया पर बधाई संदेश दिया.

रिकी केज के बारे में कुछ बातें

रिकी केज का जन्म नॉर्थ कौरोलाइना (North Carolina) में हुआ लेकिन 8 साल की उम्र से वे बेंगलुरू में रह रहे हैं. एक लेख के अनुसार, उन्होंने बिशप कॉटन स्कूल, बेंगलुरू से स्कूली शिक्षा प्राप्त की है. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड डेंटल कॉलेज से डिग्री हासिल की. उनके परिवार में ज़्यादातर लोग डॉक्टर हैं. केज ने अपने परिवार से कहा कि डिग्री के बाद वो संगीत की दुनिया में क़िस्मत आज़माना चाहते हैं. उस्ताद नुसरत फतेह अली खान, पंडित रवि शंकर और पीटर गैब्रियल उनके प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने 3000 से ज़्यादा कन्नड़ फ़िल्मों के लिए जिन्गल्स बनाये हैं. केज को 20 देशों में 100 से ज़्यादा पुरस्कार मिल चुके हैं.