Grammy Awards 2022: कौन हैं रिकी केज और फाल्गुनी शाह जिन्होंने ग्रैमी जीतकर भारत का मान बढ़ाया?

64वें वार्षिक ग्रैमी अवॉर्ड्स (64th Annual Grammy Awards) का आयोजन लास वेगस (Las Vegas) में किया गया. संगीत की दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड शो के दौरान इंडियन फ़ैन्स मायूस हो गए. आयकन्स बप्पी लहरी और लता मंगेश्कर को श्रद्धांजलि नहीं दी गई. ग़ौरतलब है कि दो भारतीयों ने इस मायूसी के बीच भी हम सभी को मुस्कुराने की और ख़ुश होने की वजह दी है. वो दो कलाकार हैं- रिकी केज (Ricky Kej) और फाल्गुनी शाह (Falguni Shah)

रिकी केज को ‘डिवाइन टाइड्स’ एल्बम के लिए मिला ग्रैमी

भारतीय म्यूज़िशियन, रिकी केज ने एक बार फिर देश का नाम रौशन किया है. रिकी केज ने सभा में मौजूद लोगों को नमस्ते करके अवॉर्ड स्वीकार किया. रिकी केज ने सोशल मीडिया पर ख़ुशखबरी देते हुए लिखा, ‘हमारे एल्बम डिवाइन टाइड्स के लिए ग्रैमी पुरस्कार दिया गया है. मैं शुक्रगुज़ार हूं मेरे साथ खड़े लेजेंड का. ये मेरा दूसरा ग्रैमी पुरस्कार है और स्टिवर्ट का 6ठा. जिसने भी कोलेबोरेट किया, हायर किया या मेरा म्यूज़िक सुना उन सबका शुक्रिया. मेरा वजूद आपसे है.’

 

रिकी के एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ में 9 गाने और 8 वीडियोज़ हैं. इस एल्बम में दुनियाभर के कलाकार हैं.  हिमालय से लेकर स्पेन के जंगलों तक, इनमें दुनिया के कई ख़ूबसूरत स्थल दिए गए हैं.

2015 में भी जीता था ग्रैमी

2022 से पहले रिकी केज ने 2015 में भी ग्रैमी पुरस्कार जीता था. महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला पर आधारित एल्बम, ‘विंड्स ऑफ़ सॉसर’ के लिए उन्हें ग्रैमी से नवाज़ा गया. ये एल्बम अमेरिका के बिलबोर्ड न्यू एज एल्बम चार्ट पर पहले पायदान पर था. पहली बार किसी भारतीय ने ये मकाम हासिल किया था.

रिकी केज के बारे में कुछ बातें

रिकी केज का जन्म नॉर्थ कौरोलाइना (North Carolina) में हुआ लेकिन 8 साल की उम्र से वे बेंगलुरू में रह रहे हैं. Hindustan Times के एक लेख के अनुसार, उन्होंने बिशप कॉटन स्कूल, बेंगलुरू से स्कूी शिक्षा प्राप्त की है. इसके बाद उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड डेंटल कॉलेज से डिग्री हासिल की. उनके परिवार में ज़्यादातर लोग डॉक्टर हैं और उन्होंने अपने परिवार से कहा कि डिग्री के बाद वो संगीत की दुनिया में क़िस्मत आज़माना चाहते हैं. उस्ताद नुसरत फतेह अली खान, पंडित रवि शंकर और पीटर गैब्रियल उनके प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने 3000 से ज़्यादा कन्नड़ फ़िल्मों के लिए जिन्गल्स बनाये हैं. केज को 20 देशों में 100 से ज़्यादा पुरस्कार मिल चुके हैं.

फाल्गुनी शाह ने जीता पहला ग्रैमी

 

न्यूयॉर्क में बसी भारतीय सिंगर फाल्गुनी शाह उर्फ़ ‘फालू’ को उनके एल्बम ‘अ कलरफ़ुल वर्ल्ड’ के लिए ग्रैमी से नवाज़ा गया है. शाह ने सोशल मीडिया पर ये ख़ुशख़बरी दी. 

शाह ने लिखा, ‘मेरे पास आज के जादू का वर्णन करने के लिए शब्द नहीं है. ग्रैमी प्रीमियर सेरेमनी में परफ़ॉर्म करने का अवसर मिला और फिर स्टैच्यू को घर ले जाने का भी मौका मिला. हम रिकॉर्डिंग अकेडमी के शुक्रगुज़ार हैं.’ फाल्गुनी शाह को चिल्ड्रेन्स एल्बम कैटेगरी में खिताब मिला. 2018 में भी वो इस कैटेगरी में नोमिनेट हुई थीं लेकिन उन्हें पुरस्कार नहीं मिला था.

फाल्गुनी शाह के बारे में कुछ बातें

falguni shah grammy 2022

चिल्ड्रेन्स एल्बम कैटेगरी में दो बार नोमिनेट होने वाली पहली भारतीय मूल की म्यूज़िशियन हैं फाल्गुनी शाह. The Telegraph की एक रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने जयपुर क्लासिकल म्यूज़िक में तालीम हासिल की है. उन्होंने कौमुदी मुंशी से बनारसी ठुमरी की शिक्षा प्राप्त की है और उदय मज़ूमदार से सेमि क्लासिकल म्यूज़िक की. शाह ने उस्ताद सुल्तान खान और किशोरी अमोंकर से भी तालीम हासिल की है. सन 2000 में वे अमेरिका जाकर बस गईं. उन्होंने ए आर रहमान, यो यो मा, वाइक्लिफ़ जीन, फ़िलिप ग्लास, रिकी मार्टिन, ब्लूज़ ट्रैवलर जैसे म्यूज़िशियन्स के साथ काम किया है.