दादा की राह पर चला पोता! दादा सेना के भूतपूर्व कैप्टन और पोता बना लेफ्टिनेंट

हिमाचल के मंडी जिले के उपमण्डल धर्मपुर की पपलोग पंचायत के कराड़ी गांव का केतन पटियाल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बना है. गत दिन देहरादून में हुई भव्य पासिंग आउट परेड में इनके पिता अशोक पटियाल और माता प्रोमिला पटियाल ने केतन के कन्धों पर स्टार लगा कर सुशोभित किया. केतन पटियाल ने वर्ष 2018 में अखिल भारतीय स्तर की एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण की और उसके बाद वे तीन वर्षीय सेना के डिग्री कोर्स पास करने के लिए सेना अकादमी खड़गवासला गए. जहाँ इन्होंने बीटेक डिग्री में दूसरा स्थान हासिल किया.

खड़गवासला में डिग्री पास करने के बाद इन्हें आईएमए देहरादून में एक वर्ष के सैन्य अधिकारी के प्रशिक्षण के लिए

केतन अपने कैप्टन दादा और मेजर भाई के स्टार देखकर हमेशा सेना में जाने की बात करता था.भेजा गया और इन्होंने इस प्रशिक्षण में 377 जेंटलमैन कैडेट्स में तीसरा स्थान हासिल कर कांस्य पदक हासिल किया. जिसके लिए इन्हें विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया. केतन पटियाल के दादा  स्व अच्छर सिंह पटियाल भी भारतीय सेना की मेडिकल कोर में कैप्टन रहे हैं और इनका चचेरा भाई ऋषव पटियाल भी इलाहबाद में सेना की सिग्नल कोर में मेजर हैं

केतन पटियाल की प्रारंभिक शिक्षा से लेकर जमा दो तक की शिक्षा सरकाघाट के निज़ी विद्यालय हिमालियन पब्लिक स्कूल में हुई. जहां वे पहली कक्षा से लेकर जमा दो तक प्रथम स्थान पर आते रहे. केतन पटियाल अपने माता पिता की इकलौती सन्तान है. केतन की माता प्रोमिला पटियाल प्रशिक्षित स्नातक अधयापक हैं और पिता अशोक पटियाल निज़ी व्यवसाय करते हैं. केतन पटियाल की अगली नियुक्ति मराठा लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में हुई है.

इनकी इस उपलब्धि  बारे इनके ताया रमेश पटियाल ने बताया कि केतन अपने कैप्टन दादा और मेजर भाई के स्टार देखकर हमेशा सेना में जाने की बात करता था. केतन के सैन्य अधिकारी बनने पर इनके ताया रमेश पटियाल, ताई रीता पटियाल, दूसरे ताया डॉक्टर सरोज पटियाल, चचेरे भाई विकास पटियाल ने प्रसन्ता व्यक्त करते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।समूचे क्षेत्र में केतन की इस उपलब्धि पर गर्व है.