जवाहर पार्क में मेलों के चलते बर्बाद हुई 25 लाख की घास, अश्वनी सैनी की प्रशासन को चेतावनी

मंडी जिला के सुंदरनगर शहर के बीच स्थित जवाहर पार्क में राज्यस्तरीय नलवाड़ और देवता मेला आयोजित होने के बाद मौके पर हाल ही में लगाई गई 25 लाख की घास बर्बाद हो गई है। बता दें कि मेला मैदान जवाहर पार्क में जब से 25 लाख रुपए की लागत से घास बिछाने का कार्य शुरू हुआ था तब से ही लगातार इसको लेकर विवाद मचा हुआ है।

सोशल मीडिया सहित सुंदरनगर की आम जनता इस कार्य पर सवाल उठाते हुए इसे फिजूल खर्च व पैसे की लगातार बर्बादी बताती रही। लेकिन इसके बावजूद भी नगर परिषद और प्रशासन द्वारा जवाहर पार्क में घास लगाने को लेकर रोडमैप तैयार किया गया। इस पर 25 लाख की लागत से घास लगा दी गई। अब जैसे ही मार्च माह में इस मैदान पर मेला आयोजित किया गया, यह घास पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

मौके पर घास का पूरी तरह से नामो निशान ही मिट गया है। घास की बर्बादी को लेकर अधिवक्ता आशीष शर्मा और व्यापार मंडल बीबीएमबी कॉलोनी के अध्यक्ष अश्वनी सैनी ने नगर परिषद और प्रशासन पर गंभीर आरोप जड़े है। अधिवक्ता आशीष शर्मा का कहना है कि जवाहर पार्क सुंदरनगर में घास लगाई गई थी जो अब एक इतिहास बन चुकी है।

बीबीएमबी व्यापार मंडल अध्यक्ष अश्वनी सैनी ने कहा कि नगर परिषद और प्रशासन द्वारा जनता के 25 लाख रुपए की बर्बादी कर दी गई है। इस दुरुपयोग की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री व विजिलेंस सख्त कार्रवाई नहीं करते तो उच्च न्यायालय में मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की जाएगी। एसडीएम एवं नगर परिषद सुंदरनगर कार्यकारी अधिकारी धर्मेश रामोत्रा ने कहा कि प्रदेश के कई स्थानों पर इस तरह की घास लगाई गई है। जवाहर पार्क में भी इस तरह का प्रपोजल घास लगाने का बनाया गया था। इसमें लाखों की लागत से घास लगाई गई थी।

उन्होंने कहा कि हाल ही में यहां पर राज्यस्तरीय नलवाड़ एवं देवता मेला आयोजित होने के कारण घास को नुकसान हुआ है। इसको लेकर अलग से बजट का प्रावधान किया गया है। मेला स्थल से दुकानें उठने के बाद इस राशि को नगर परिषद को सौंप दिया जाएगा। बता दें कि पांच माह पूर्व जवाहर पार्क सुंदरनगर के ऐतिहासिक मैदान में लाखों रुपये फूंक कर घास लगाई गई है। जवाहर पार्क में आयोजित होने वाले नलवाड़ व देवता मेला में सैकड़ों व्यापारियों द्वारा दुकानें, झूले, प्रदर्शनियां,सांस्कृतिक कार्यक्रम और हजारों लोगों की शिरकत के चलते यह घास आज पूर्ण रूप से बर्बाद हो गई है।