Green Comet: इंसानी इतिहास के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण आने वाला है। 50 हजार वर्षों में पहली बार एक धूमकेतु वापस धरती के करीब से गुजरेगा। इससे पहले ये धूमकेतु तब दिखा था जब धरती पर इंसान अफ्रीका को छोड़ कर दुनिया के बाकी हिस्सों में बसने लगे थे। माना जा रहा है कि यह आखिरी बार भी हो सकता है जब यह धूमकेतु धरती के करीब से गुजरे।
इस धूमकेतु का नाम C/2022 E3 (ZTF) है। 2 फरवरी को जब यह पृथ्वी के करीब से गुजरेगा तब इसके और धरती के बीच 4 करोड़ 18 लाख किमी की दूरी होगी। आपको यह दूरी बहुत ज्यादा लग सकती है। लेकिन इस हरे धूमकेतु और पृथ्वी के बीच ये अब तक की सबसे कम दूरी होगी। खगोलविदों ने पहली बार धूमकेतु को पिछले साल मार्च में देखा था। नासा के मुताबिक कैलिफोर्निया में स्थित एक टेलीस्कोप के वाइड-फील्ड सर्वे कैमरा का उपयोग कर इसे देखा गया था। यह तब से आसमान में उत्तरी तारामंडल कोरोना बोरेलिस को पार कर रहा है। इसकी चमक लगातार बढ़ती ही जा रही है।
पहले माना एस्टेरॉयड
नासा ने 24 दिसंबर को एक प्रेस रिलीज में बताया था कि दूरबीन से देखने के लिए यह धूमकेतु अभी बहुत दूर है। इससे पहले यह हरा धूमकेतु 50 हजार साल पहले दिखा था, तब इंसान अफ्रीका छोड़कर एशिया और यूरोप में बस गए थे। स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक पिछले साल 2 मार्च को दक्षिणी कैलिफोर्निया में पालोमर वेधशाला में ज़्विकी ट्रांसिएंट फैसलिटी का इस्तेमाल कर खगोलविद फ्रैंक मासी और ब्रायस बोलिन ने अंतरिक्ष में एक वस्तु को खोजा था, जिसे शुरुआत में एक एस्टेरॉयड माना गया।
बाद में निकला धूमकेतु
बाद में लगातार जब इसका अवलोकन किया गया तो पता चला कि वास्तव में यह एक धूमकेतु है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह एक पैराबोलिक पथ में सूर्य का चक्कर लगा रहा है। यानी कि यह धूमकेतु पृथ्वी के करीब से होते हुए एक बार फिर गहरे अंतरिक्ष में चला जाएगा। 12 जनवरी को यह सूर्य के सबसे करीब होगा। पृथ्वी के करीब आने पर इसकी चमक दिखाई देगी। उत्तरी गोलार्ध के लोगों को यह सुबह के समय दिखाई देगा। इसे दूरबीन या नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है।