ग्रीनलैंड की पिघलती बर्फ ला रही तबाही, कुछ भी कर लें 1 फीट तक बढ़ जाएगा समुद्र, नए शोध से भारत-बांग्लादेश की भी बढ़ेगी चिंता

Greenland Ice Melting: ग्रीनलैंड की बर्फ तेजी से पिघल रही है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस बर्फ का पिघलना इतना तेज है कि चाह कर भी इसे नहीं रोका जा सकता। शोधकर्ताओं का कहना है कि सदी के अंत तक ग्रीनलैंड की लगभग 3.3 फीसदी बर्फ पिघल जाएगी।

greenland glacier Melting
ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल रही।

कोपेनहेगन: ग्लोबल वार्मिंग के कारण बड़े पैमाने पर ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल रही है। एक नए शोध में कहा गया है कि इस बर्फ के पिघलने से समुद्र स्तर में 1 फीट की बढ़ोतरी आने वाले भविष्य में देखने को मिलेगी। लेकिन शोध में सबसे डराने वाली बात ये कही गई है कि अगर आज ही दुनिया में गर्मी के उत्सर्जन को रोक दिया जाए तो भी बर्फ को पिघलने से नहीं रोका जा सकता। सोमवार को नेचर क्लाइमेट में इससे जुड़ी स्टडी प्रकाशित की गई है।

स्टडी में कहा गया है कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि ग्लोबल वार्मिंग का परिदृश्य क्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पिघलने की दर वही होगी जो पिछली शताब्दी में देखने को मिली है। डेनमार्क और ग्रीनलैंड के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के शोधकर्ताओं ने ग्रीनलैंड और उसके आसपास की बर्फ की शीट में बदलाव को देखा है। उन्होंने कहा कि ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर का लगभग 3.3 फीसदी हर हाल में पिघल जाएगा, ऐसा पहले से पिघल चुके बर्फ के कारण होगा। ये पिघली बर्फ लगभग 110 ट्रिलियन टन के बराबर होगी।

बर्फ का पिघलना नहीं रुकेगा
शोध के प्रमुख लेखक और वैज्ञानिक जेसन बॉक्स के मुताबिक किसी भी तरह की जलवायु के हालात में बर्फ पिघलेगी और समुद्र स्तर में वृद्धि होगी। हालांकि ये कब तक होगा इसका उन्होंने कोई निश्चित समय नहीं बताया, लेकिन कहा है कि ये अभी से शुरु होकर सदी के अंत के बीच हो सकता है। उन्होंने कहा कि गर्म हवाओं के कारण बर्फ की विशाल चादरें तेजी से पिघलती हैं, लेकिन समुद्र का गर्म पानी भी किनारे से बर्फ को गलाता है।
30 साल में बढ़ेगा एक फीट पानी
इसी तरह की एक रिपोर्ट इस साल के शुरू में अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन ने जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी तटों पर अगले 30 वर्षों में 10-12 इंच तक पानी बढ़ेगा। इससे सबसे बड़ा नुकसान ऊंचे ज्वार का आना होगा, जो सामान्य से 10 बार ज्यादा बढ़ जाएगा। इसके कारण जमीनी क्षेत्रों में तूफान भी बढ़ेंगे। तटों से लगे देश जैसे भारत, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में इसका असर देखने को मिलेगा। ग्रीनलैंड में इतनी बर्फ है कि अगर सब पिघल जाएं तो दुनिया भर में समुद्र स्तर में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी।