नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) की ओर से ग्रेनो वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए चौथी बार के टेंडर में तीन एजेंसियों के आने से एजेंसी चयन की उम्मीद बंधी थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। डीपीआर अप्रूवल में देरी की वजह से टेंडर निरस्त कर दिया गया। अब केंद्र सरकार के पास इसकी फाइल है।
एक्वा लाइन विस्तार के तहत सेक्टर-51 से ग्रेनो सेक्टर-2 तक ग्रेनो वेस्ट मेट्रो को अगले माह तक हरी झंडी मिलेगी। इसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा। काम शुरू होने से पहले कॉरिडोर की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) मंजूर की जाएगी। जिसके बाद निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएमआरसी) की ओर से ग्रेनो वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए चौथी बार के टेंडर में तीन एजेंसियों के आने से एजेंसी चयन की उम्मीद बंधी थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। डीपीआर अप्रूवल में देरी की वजह से टेंडर निरस्त कर दिया गया। अब केंद्र सरकार के पास इसकी फाइल है।
फिलहाल प्रोजेक्ट की डीपीआर मंजूरी के लिए बैठकों का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि अगले माह तक डीपीआर को मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद टेंडर निकला जाएगा और काम शुरू हो पाएगा। ग्रेनो वेस्ट मेट्रो की डीपीआर का प्रजेंटेशन पब्लिक इंवेस्टमेंट बोर्ड (पीआईबी) के सामने मंगलवार को हुआ।
इसमें कैबिनेट के सभी सदस्य शामिल रहे। पीआईबी की एक और बैठक होगी। इसके बाद भारत सरकार के साथ बैठक होगी। फिर कैबिनेट नोट बनेगा जिसके बाद वित्त मंत्रालय से अप्रूवल होगा। आखिर में पीएमओ से मंजूरी के बाद हरी झंडी मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2 तक पहले चरण का शुरू होगा काम
कॉरिडोर पर ग्रेटर नोएडा वेस्ट की ओर जाने के लिए सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो ट्रैक और स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है। इसका काम दो चरण में होगा। पहले चरण में सेक्टर-51 मेट्रो स्टेशन से ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2 तक कॉरिडोर का निर्माण होगा, जिसमें 5 स्टेशन होंगे। यह स्टेशन नोएडा सेक्टर-122, नोएडा सेक्टर-123, ग्र्रेटर नोएडा सेक्टर-4, ईकोटेक-12 और ग्रेटर नोएडा सेक्टर-2 होंगे। इस कॉरिडोर की लंबाई 9.605 किमी होगी।
पहले चरण के कॉरिडोर का बढ़ा बजट
बढ़े हुए बजट के साथ एनएमआरसी ने एलिवेटेड वायाडक्ट और पांच एलिवेटेड स्टेशनों के निर्माण के लिए चौथी बार टेंडर निकाला था। इसमें निर्माण की अनुमानित लागत 563 करोड़ आंकी गई है। इससे पहले लागत 491.99 करोड़ रुपये आंकी गई थी। पूरे कॉरिडोर का बजट 2456 करोड़ रुपये है।