वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि दाल, चावल, आटा और सूजी जैसे खाद्य पदार्थ अगर बिना पैकिंग और लेबल के बेचे जाएं तो उनपर किसी भी तरह का जीएसटी चार्ज नहीं लगेगा। अगर इन चीजों को पैकिंग में लेबल के साथ बेचा जाता है तो इन पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी वसूल की जाएगी।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कुछ जरूरी अनाजों की सूची ट्वीट कर उनसे से जीएसटी हटाने की जानकारी दी है। वित्तमंत्री ने लिस्ट को ट्वीट करते हुए लिखा है कि इन खाद्य पदार्थों को खुले में बेचने पर उन पर किसी भी तरह का जीएसटी चार्ज नहीं लगेगा। वित्तमंत्री ने जो लिस्ट ट्वीट की है में दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मकई, चावल, आटा, सूजी, बेसन, मूढ़ी और लस्सी जैसी चीजें शामिल है।
लेबलयुक्त और पैकेटबंद अनाज बेचने पर लगेगा पांच प्रतिशत जीएसटी
वित्तमंत्री ने अपने ट्वीट में यह भी कहा है कि इन चीजों पर किसी भी तरह का जीएसटी नहीं लगेगा अगर ये बिना पैकिंग या लेबल के बेचे जा रहे हों। अगर इन चीजों को लेबल के साथ बेचा जाता है तो इन पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी चार्ज किया जाएगा।
इसके साथ ही वित्तमंत्री ने यह भी कहा है कि इन खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाने का फैसला किसी एक व्यक्ति ने नहीं बल्कि पूरे जीएसटी काउंसिल ने एक प्रक्रिया के तहत लिया है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक के बाद किए 14 ट्वीट
वित्तमंत्री ने एक के बाद एक किए गए अपने ट्वीट 14 ट्वीट में कहा है कि टैक्स लीकेज को रोकने के लिए यह फैसला बेहद जरूरी था। अधिकारियों और मंत्रियों ने सामूहिक रूप से विभिन्न स्तरों पर इस फैसले पर विचार किया और अंततः सभी सदस्यों की पूर्ण सहमति के साथ जीएसटी परिषद ने इसकी सिफारिश कर दी है।
वित्तमंत्री ने बताया है कि यह फैसला जीएसटी काउंसिल के जिस ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने लिया है उनमें पश्चिम बंगाल, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, गोवा और बिहार के सदस्य शामिल थे। इस जीओएम की अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री कर रहे थे।
भ्रांतियों को दूर करने के लिए लिया गया फैसलाः निर्मला
वित्तमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा है कि बीते दिनों हुई जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में दालों, अनाजों और आटा पर विशेष परिस्थितियों में जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था। पर, इस संबंध में तरह-तरह की भ्रांतियां फैल रही थी, इसे दूर करने के लिए ही इस लिस्ट को शेयर किया जा रहा है।