राज्य कर व आबकारी विभाग की टीम ने बद्दी स्थित एक व्यापारिक परिसर का औचक निरिक्षण कर फर्जी बिलिंग के जरिए अंजाम दिए जा रहे लाखों के जीएसटी फर्जीबाडे का पर्दाफाश किया है। राज्य कर व आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त (दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र) जीडी ठाकुर की अगवाई में गठित टीम ने बद्दी में जीएसटी की बड़ी पैमाने पर चोरी कर सरकारी खजाने को चूना लगाने के मामले को पकडऩे में सफलता हासिल की है। जानकारी के मुताबिक संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर की अगवाई वाली टीम में बीते क ई दिनों से बोगस ट्रेडिंग के इस मामले पर नजर रखे हुए थे, बद्दी के व्यापारी ने इस फर्जीबाडे के लिए रेंट एग्रीमेंट बनाकर जीएसटी में पंजीकरण करवाया था और सिगरेट, बीडी व कन्फैक्शनरी की खरीद फरोख्त दिखा रहा था। दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू की टीम ने जब इस व्यापारी के परिसर में दबिश देकर रिकार्ड खंगाला तो पाया की किसी भी तरह का स्टॉक वहां नही था जबकि कागजों में करोड़ों की खरीद फरोख्त दर्शाई गई।
मामले का पुख्ता सबूत तब मिला जब व्यापारी ने पंजाब व दिल्ली स्थित जिन फर्मो से खरीद दिखाई थी वह फ र्मे पहले ही फ र्जी करोबार के चलते संबंधित विभागों द्वारा निरस्त कर दी गई थी। व्यापारी से जब विभाग ने इस फर्जी व्यापार मामले में पुछताछ में सहयोग करने को कहा तो व्यापारी बद्दी से पंजाब भाग गया और अपने कर सलाहकार के माध्यम से फर्जीबाड़े के माध्यम से ली गई कर की राशी को वापस कर दिया। बता दें कि टीम जीएसटी पोटर्ल के माध्यम से इस व्यापारी पर पिछले 15 दिनों से निगरानी कर रही थी। जानकारी पुख्ता होते ही संयुक्त आयुक्त राज्य कर व आबकारी दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू जीडी ठाकुर के नेतृत्व में गठित टीम, सहायक आयुक्त अश्वनी शर्मा व राज्य कर व आबकारी अधिकारी गुरबचन सिंह, रूपेंद्र सिंह, शशीकांत शर्मा, मनोज सचदेवा व कांस्टेबल राजेश ने दबिश दी और इस फर्जीबाडे को पकड़ा, जिसके बाद व्यापारी ने 24 लाख रुपए मौके पर सरेंडर कर दिए। जीडी ठाकुर ने बताया कि इस तरह कई कंपनियां विभाग के राडार पर है,ताजातरीन मामले में गहनता से जांच की जा रही है। एचडीएम