GST: जीएसटी में हेराफेरी करने पर कंपनी को नोटिस, 62 करोड़ देना होगा टैक्स

संयुक्त आयुक्त ने बताया कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। संतोषजनक उत्तर न देने की स्थिति में 62 करोड़ का अतिरिक्त जीएटी टैक्स, ब्याज और जुर्माने की राशि जमा करानी होगी।

जीएसटी

बीबीएन की एक औद्योगिक इकाई पर दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू की ओर से जीएसटी में हेराफेरी करने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का संतोषजनक जवाब न देने पर कंपनी को 62 करोड़ का टैक्स, ब्याज और जुर्माना सहित जमा करना होगा। बीबीएन में दो यूनिट एक ही जीएसटीआईएन पर पंजीकृत हैं। ये एक-दूसरे से करीब दस से पंद्रह किमी दूर हैं। यूनिट एक से यूनिट दो के जॉब वर्क के बिल काटे जाते हैं। इसकी जीएसटी रिटर्न में एगजेंप्ट सप्लाई क्लेम किया जा रहा था।

जानकारी के अनुसार नौ मार्च से शुरू हुई जांच में कंपनी संचालक को कई बार अवसर दिए गए। कंपनी को नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन उसका जवाब नहीं आया। इनकम टैक्स से संबंधित आईटीआरएस और अन्य विवरणियों को भी जांचा गया। इसमें एक ही जीएसटीआईएन के ऊपर दोनों यूनिटों के सेल अलग-अलग क्लेम किए हैं। जीएसटीआईएन पर सेल टर्न ओवर कॉमन होता है।

200 से 300 करोड़ रुपये का प्रति वर्ष टर्नओवर करने वाली कंपनी ने अभी तक प्रमाणित नहीं किया है। कंपनी के अन्य राज्यों में आठ जीएसटीआईएन सक्रिय हैं। जुलाई 2017 से यह अनियमितता जारी है। दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने आईटी टूल की मदद से नौ मार्च को इस मामले को सामने लाए थे।

सीजीएसटी चंडीगढ़ और बद्दी की डिग्गी विंग ने कंपनी में छापे मारे, जिन पर कार्रवाई की जा रही है। संयुक्त आयुक्त ने बताया कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इसे जीएसटी कॉमन पोर्टल पर करदाता के जीएसटीएन लेखा में अपलोड कर दिया गया है। 30 दिन में कंपनी को पक्ष रखने को कहा गया है। कंपनी की ओर से संतोषजनक उत्तर न देने की स्थिति में 62 करोड़ का अतिरिक्त जीएटी टैक्स, ब्याज और जुर्माने की राशि जमा करानी होगी।