दुनिया से अलग नजरिया रखने वाले लोग खुद को हर परिस्थिति से निकालने में कामयाब हो जाते हैं और ऐसे ही लोग आगे चल कर इतिहास लिखते हैं. आज की कहानी एक ऐसे ही इंसान की है जो गरीबी में पैदा तो हुआ लेकिन उसकी सोच हमेशा से अमीर रही. अपनी इसी अमीर सोच के दम पर उस शख्स ने अपने बेहद मामूली काम को दुनिया भर के एक मशहूर ब्रांड में बदल दिया.
कहानी एक गरीब लड़के की..
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ये कहानी है सन 1881 में इटली स्थित फ्लोरेंस के फ्रिंजे के एक साधारण परिवार में पैदा हुए एक लड़के की. 23 साल की उम्र में इस अमीर सोच के मालिक ने खुद का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. उसने 1904 में हार्निश में लेदर का काम शुरू किया लेकिन वह कामयाब ना हो पाया. नतीजन उस पर कर्ज का बोझ बाढ़ गया. अब उसके पास जॉब करने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा. अपना काम बंद कर उस लड़के ने लंदन का रुख किया और यहां के एक प्रसिद्ध होटल सेवॉय में कूली काम करने लगा.
मशहूर हस्तियों को देख आया बिजनेस आइडिया
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कहते हैं खास इंसान जिस रास्ते की तरफ पैर बढ़ाता है वही रास्ता उसे उसकी मंजिल की तरफ ले जाता है. वो 23 साल का लड़का अपने कर्ज उतारने की सोच लेकर लंदन आया था लेकिन उसे यहां अपनी कामयाबी का रास्ता मिल गया. वो जिस होटल में काम करता था वहां मर्लिन मुनरो और विंस्टल चर्चिल जैसी मशहूर हस्तियों का आना जाना था.
इन फेमस हस्तियों के होटल में आने पर ये लड़का उनके पहनावे को बहुत गौर से देखता था. काफी समय तक उनके ड्रेसअप को नोटिस करने के बाद उस लड़के ने इसे अपने बिजनेस में उतारने का सोचा. उस लड़के ने सोचा कि अगर वो 10 साल भी इस होटल में काम करेगा तो ज्यादा से ज्यादा यहां का वेटर बन जाएगा लेकिन उसका बिजनेस उसे 10 सालों में काफी आगे ले जा सकता है.
नए आइडिया के साथ लौट आया अपने शहर
History
वो लड़का अपनी इसी सोच के साथ 1921 में फ्लोरेंस शहर लौट आया. 1922 में उस लड़के ने दूसरा कारोबार शुरू किया. उस लड़के ने एक छोटी सी दुकान से अपना बिजनेस शुरू किया. शुरुआत में वह चमड़े से बने कुछ सामान जैसे घुड़सवारी के सामान, बैग, वेज बैग और सुटकेश जैसे उत्पाद बेचता था. उसका बिजनेस अच्छा भला चलने लगा.
उसने अपने पिता की दुकान से जो छोटा सा बिजनेस शुरू किया था 1937 तक वह एक छोटे कारखाने में बदल गया. इसका मतलब साफ था कि उस लड़के के प्रोडकस्ट्स की डिमांड बढ़ने लगी थी. कारखाने की मदद से वह हैंडबैग्स, रेटिकुलस और दस्ताने जैसे प्रोडक्ट्स का उत्पादन बड़े पैमाने पर करने लगा था.
सामने आईं परेशानियां
History
उस लड़के के इस बिजनेस को पहचान मिल चुकी थी. उसके इस बिजनेस को लोगों ने गुची ब्रांड के नाम से जाना और इस बिजनेस को शुरू करने वाले उस लड़के का नाम गोसियो गुची था. गोसियो अपने बिजनस को बढ़ाने में लगे हुए थे तभी उनके सामने एक बड़ी परेशानी खड़ी हो गई. 1935 के दौर में इटली में तानाशाह मुसोलिनी का राज था. उसके फासीवादी शासन में इटली में रहते हुए लेदर हासिल करना मुश्किल था. इधर गोसियो का सारा बिजनेस ही लेदर पर टिका था. परेशानी तो थी लेकिन गोसियो के पास इसका भी हल था. इस दौरान उन्होंने गुची के अधिकतर प्रोडक्ट्स में लेदर की जगह सिल्क इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
खुद चले गए मगर ब्रांड का नाम अमर कर दिया
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छोटी सी जगह और छोटी सी दुकान से शुरू किए अपने बिजनस को गुची जैसा बड़ा ब्रांड बना कर गोसियो गुची 1953 में इस दुनिया को अलविदा कह गए. उनकी मौत के बाद उनके बेटों ने इस ब्रांड पर खूब मेहनत की और इस ब्रांड का दबदबा हॉलीवुड तक पहुंच गया. गुची अब हॉलीवुड सेलेब्स के बीच लोकप्रिय होने लगा था. एक समय ऐसा आया जब गूची की जीनियस जींस ने गिनीज बुक ऑफ विश्व रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया. कहते हैं 90 के दशक में ये जींस दुनिया की सबसे महंगी जींस थी और इसी के चलते गूची की ये जींस विश्व रिकॉर्ड बनाने में कामयाब रही थी. बाद में इस रिकॉर्ड को लिवाइस जींस ने तोड़ दिया .