Gujarat Election: आखिर अभी तक गुजरात क्यों नहीं पहुंचे खरगे और राहुल? कांग्रेस की ‘बूस्टर डोज’ देने की तैयारी

Gujarat Election: गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी कहते हैं कि उनकी पार्टी ने गुजरात परिवर्तन यात्रा के दौरान हर घर को संपर्क किया है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने शिरकत की है…

Rahul Gandhi and Mallikarjun Kharge

Rahul Gandhi and Mallikarjun Kharge

गुजरात में चुनाव के अब गिनती के दिन बचे हैं। भाजपा से लेकर आप के सभी प्रमुख नेताओं ने गुजरात में अब तक कई रैलियां और बड़ी-बड़ी जनसभाएं कर डालीं। लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर गांधी परिवार के किसी बड़े नाम ने गुजरात में अब तक न तो प्रचार किया है और आज की तारीख तक गुजरात में न तो उनके प्रचार का कोई शेड्यूल जारी हुआ है। कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक जो उनकी चुनावी रणनीति बनी है, यह उसी का यह हिस्सा है। फिलहाल कल खत्म होने वाली गुजरात संकल्प यात्रा के बाद कांग्रेस पार्टी का कहना है कि वह ‘बूस्टर डोज’ के तौर पर कांग्रेस के नेताओं को जमीन पर उतारने की योजना बना रही है।

गुजरात में चुनाव को लेकर माहौल चरम पर है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर पूरी कार्यकारिणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर ज्यादातर कैबिनेट गुजरात के चुनावों में जोर आजमाइश करने पहुंच रही है। वहीं कांग्रेस की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम और अन्य कई बड़े नेता तो पहुंच रहे हैं, लेकिन राहुल प्रियंका और सोनिया के न पहुंचने से राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं। गुजरात के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरीके से 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भाजपा को मजबूत टक्कर देते हुए चुनाव लड़ा था, इस बार वह बड़े नेताओं के न आने से माहौल बनाने में चूक रहे हैं।

कांग्रेस गुजरात में चला रही गुजरात परिवर्तन यात्रा

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार हनुमंत पोद्दार कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि कांग्रेस का अपना गुजरात में जनाधार नहीं है, लेकिन बात जब माउथ पब्लिसिटी की होती है और चर्चाओं में बने रहने की होती है, उसमें कांग्रेस एक बड़े स्तर पर अपना नैरेटिव सेट करने में चूक जाती है। वह कहते हैं कि गुजरात में कांग्रेस की ओर से चलाई जा रही गुजरात परिवर्तन यात्रा निश्चित तौर पर जमीन पर बड़ा महत्वपूर्ण कार्य कर रही है लेकिन जब दूसरी पार्टियों के बड़े-बड़े नेता मैदान में है तो कांग्रेस के बड़े नेताओं की अनुपस्थिति से वह एक नैरेटिव सेट करने में पीछे हो जाते हैं।

गुजरात कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी गुजरात में अपनी रणनीति के मुताबिक ही सभी कदम उठा रही है। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी कहते हैं कि उनकी पार्टी ने गुजरात परिवर्तन यात्रा के दौरान हर घर को संपर्क किया है। उनका कहना है कि इस यात्रा के दौरान कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने न सिर्फ शिरकत की है, बल्कि घर-घर जाकर लोगों से संपर्क भी साधा है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों ने शिरकत की है। वह कहते हैं कि कांग्रेस की गुजरात परिवर्तन यात्रा मंगलवार को समाप्त हो रही है। इस दौरान पार्टी ने भुज, सोमनाथ, वडगांव, बालासिनोर और जंबूसर से गुजरात को पार्टी की योजनाओं और नीतियों से मुखातिब कराते हुए सभी बड़े नेताओं को मैदान में उतारा है। गुजरात कांग्रेस के मुताबिक इस पूरी यात्रा के दौरान 145 जनसभाएं और 95 से ज्यादा रैलियां हुईं हैं। जबकि साढ़े पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करके कांग्रेस की परिवर्तन संकल्प यात्रा ने हर शहर और जिले में दस्तक दी है। कांग्रेस से जुड़े नेताओं का कहना है कि यह उनकी नीति का हिस्सा रहा है और अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर राहुल गांधी जैसे तमाम बड़े नेताओं का आना भी शुरू होगा।

गांधी परिवार से केवल राहुल करेंगे रैलियां

गुजरात कांग्रेस से जुड़े हुए एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि फिलहाल अभी राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कोई भी कार्यक्रम तो तय नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी आलाकमान की ओर से जल्द ही नेताओं की रैलियों और जनसभाओं की तारीखें घोषित कर दी जाएगीं। कांग्रेस के नेता बताते हैं कि जिस तरीके से गुजरात में परिवर्तन यात्रा हुई है, उसके बाद राहुल गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य नेताओं की रैलियां शुरू होंगी। पार्टी का मानना है कि जिस तरीके से गुजरात परिवर्तन संकल्प यात्रा के माध्यम से जन-जन तक बीते 27 साल में भाजपा सरकार की ओर से गुजरात को पीछे खींचने की पूरी दास्तान बताई गई है, वह महत्वपूर्ण थी। पार्टी का कहना है कि इस परिवर्तन यात्रा के बाद अब उनकी पार्टी के ये बड़े चेहरे पार्टी के विजन से गुजरात को आगे बढ़ाने के बारे में बताएंगे, तो वह ‘बूस्टर डोज’ के तौर पर काम करेगा। पार्टी के लोगों का कहना है कि यही कांग्रेस की रणनीति है। इसी चुनावी रणनीति के तहत वह गुजरात में सरकार बदलने जा रहे हैं।

वहीं केंद्रीय कांग्रेस नेतृत्व से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 15 नवंबर के बाद राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और तमाम अन्य बड़े नेताओं की रैलियां और जनसभाएं गुजरात में होनी तय हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है राहुल गांधी की बहुत ज्यादा रैलियां गुजरात में नहीं होंगी। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई बड़े नेता चुनावी समर में मौजूद रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि गांधी परिवार से राहुल गांधी ही गुजरात में चुनाव प्रचार में पहुंचेंगे। प्रियंका गांधी के गुजरात में आने की फिलहाल अभी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि कांग्रेस के नेताओं ने राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी को भी चुनाव मैदान में उतारने की अपील की है।