गुजरात के एक शख़्स ने अपनी जान की परवाह किए बग़ैर सैंकड़ों मासूम ज़िन्दगियां बचा लीं. इस युवक ने टूटी रेलवे ट्रैक देखी और ड्राइवर को सूचित करने के लिए 1 किलोमीटर दौड़ गया. IAS अवनिश शरन (IAS Awanish Saran) ने युवक की कहानी ट्विटर पर शेयर की.
राकेश बारिया नामक दिल्ली – मुंबई रूट पर, गुजरात के दाहोद ज़िले में राकेश ने टूटी रेलवे ट्रैक देखी. घटना के दो दिन बाद पश्चिम रेलवे के रतलाम डिविज़न ने 5000 रुपये का इनाम देकर राकेश की पीठ थपथपाई. सम्मानित होने के बाद राकेश ने बताया कि वो बकरियां चरा रहा था जब उसने देखा कि रेल की पटरी एक जगह से टूटी हुई है. वो लोगों को सूचित करने के लिए 1 किलोमीटर भागा लेकिन उसे कोई रेलवे कर्मचारी नज़र नहीं आया.
राकेश ने बताया कि इसके बाद उसने अपने पिता को फ़ोन किया. राकेश के पिता ने फ़ोन पर रेलवे कर्मचारियों को सूचित करने की कोशिश की लेकिन असफ़ल रहे. पिता के कहने पर राकेश अपने घर गया और लाल रंग का कपड़ा लेकर आया. इसके बाद राकेश जहां पटरी टूटी थी वहां से 2 किलोमीटर आगे बैठा और लाल कपड़ा दिखाने लगा, सामने से एक मालगाड़ी आ रही थी. राकेश को देखकर लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक्स लगाए. इसके बाद टूटी पटरी को ठीक किया गया.